Move to Jagran APP

मसूरी के भुट्टों की बात ही है कुछ अलग, इन्हें खाए बिना नहीं रह पाते पर्यटक, वीकएंड पर बिकता है इतने रुपये में

Uttarakhand Tourism खुला आसमान वातावरण में पसरी कोहरे की चादर और मंद-मंद बहती शीतल बयार। ऐसे में अकेले या साथी संग मसूरी की माल रोड पर टहलते हुए अथवा किसी बेंच पर बैठे हुए भुट्टे खाने का मजा ही कुछ और है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Tue, 13 Jul 2021 08:46 AM (IST)Updated: Tue, 13 Jul 2021 05:30 PM (IST)
मसूरी के भुट्टों की बात ही है कुछ अलग, इन्हें खाए बिना नहीं रह पाते पर्यटक, वीकएंड पर बिकता है इतने रुपये में
मसूरी के भुट्टों की बात ही है कुछ अलग। जागरण

संवाद सहयोगी, मसूरी। Uttarakhand Tourism खुला आसमान, वातावरण में पसरी कोहरे की चादर और मंद-मंद बहती शीतल बयार। ऐसे में अकेले या साथी संग मसूरी की माल रोड पर टहलते हुए अथवा किसी बेंच पर बैठे हुए भुट्टे खाने का मजा ही कुछ और है। आप किसी भी मौसम में मसूरी आइए, माल रोड पर भुट्टे की महक मन को प्रफुल्लित कर देगी।

loksabha election banner

पहाड़ों की रानी मसूरी के लाइब्रेरी चौक, आंबेडकर चौक से माल रोड, झूलाघर, कुलड़ी बाजार, पिक्चर पैलेस, लंढौर, लाल टिब्बा, कंपनी गार्डन, कैमल्स बैक रोड, कैम्पटी फाल आदि स्थानों पर हर मौसम में सौ से अधिक लोग भुट्टे बेचते मिल जाते हैं। भुट्टे ही उनकी आय का मुख्य स्रोत हैं। लेकिन, बीते वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते हुए लाकडाउन और इस वर्ष कोविड कर्फ्यू के कारण वे पटरी पर बैठ भुट्टे नही बेच पाए। हालांकि, अब कोविड कर्फ्यू में छूट के बाद धीरे-धीरे उन्होंने पटरी पर कारोबार शुरू कर दिया है।

माल रोड पर भुट्टे बेचने वाली मधु ने बताया कि इन दिनों भुट्टे दक्षिण राज्यों से आ रहे हैं। अगस्त में आसपास के गांवों आर्गेनिक भुट्टे आने लगेंगे। बताया कि कच्चे भुट्टे 40 से 50 रुपये प्रति किलो के हिसाब से आते हैं। एक किलो में तीन से चार भुट्टे चढ़ते हैं। इन्हें आग पर भूनने या पानी में उबालने के बाद 50 रुपये प्रति भुट्टे के हिसाब से बेचा जाता है। वीकएंड पर भीड़ ज्यादा हो तो 25 से 40 और सामान्य दिनों में 20 से 25 भुट्टे रोजाना बिक जाते हैं।

मधु ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जब भी मसूरी या कैम्पटी फाल आते हैं, माल रोड पर भुट्टे जरूर खाते हैं। इतना ही नहीं, वे अपने साथ आने वालों को भी भुट्टे खिलाते हैं। हालांकि, सीजन में नगर पालिका या स्थानीय प्रशासन उन्हें माल रोड पर नहीं बैठने देते। इससे भुट्टे बेचने वालों को घर बैठना पड़ता है।

यह भी पढ़ें- Uttarakhand Tourism: मसूरी आने वाले पर्यटकों को मिली थोड़ी ढील, लेकिन ऐसा हुआ तो नियम हो जाएंगे सख्त


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.