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उत्तराखंड में बाघों के कुनबे में हो सकता है और इजाफा, 400 पार जा सकती है संख्या

अखिल भारतीय बाघ आकलन-2018 के सर्वेक्षण के दौरान जिस प्रकार के रुझान मिले उससे माना जा रहा कि इस मर्तबा उत्‍तराखंड में बाघों की संख्या 400 पार हो जाएगी।

By Edited By: Published: Mon, 22 Jul 2019 03:00 AM (IST)Updated: Mon, 22 Jul 2019 08:53 PM (IST)
उत्तराखंड में बाघों के कुनबे में हो सकता है और इजाफा, 400 पार जा सकती है संख्या
उत्तराखंड में बाघों के कुनबे में हो सकता है और इजाफा, 400 पार जा सकती है संख्या

देहरादून, केदार दत्त। बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभा रहे उत्तराखंड में बाघों के कुनबे में और इजाफा हो सकता है। अखिल भारतीय बाघ आकलन-2018 के सर्वेक्षण के दौरान जिस प्रकार के रुझान मिले, उससे माना जा रहा कि इस मर्तबा यहां बाघों की संख्या 400 पार हो जाएगी। हालांकि, 29 जुलाई को दिल्ली में अखिल भारतीय बाघ आकलन के आकड़े घोषित होने पर इसे लेकर तस्वीर साफ हो सकेगी। वर्ष 2014 में हुई अखिल भारतीय स्तर की गणना के अनुसार तब प्रदेश में 340 बाघ थे, जबकि 2017 की राज्य स्तरीय गणना में ये आंकड़ा 361 पहुंच गया था।

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राष्ट्रीय पशु बाघ के संरक्षण के मामले में वर्ष 2014 की अखिल भारतीय गणना के अनुसार उत्तराखंड देश में कर्नाटक (403) के बाद दूसरे स्थान पर है। यहां विश्व प्रसिद्ध कार्बेट टाइगर रिजर्व के अलावा राजाजी टाइगर रिजर्व और 12 वन प्रभागों में बाघों का बसेरा है। यह बाघ संरक्षण के प्रयासों का ही नतीजा है कि प्रदेश में बाघों का कुनबा निरंतर बढ़ रहा है। 

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की गाइडलाइन के अनुसार राज्य स्तर पर होने वाले बाघ आकलन में वर्ष 2017 में प्रदेश में बाघों की संख्या में 2014 की अखिल भारतीय गणना के मुकाबले 21 का इजाफा हुआ था। पिछले वर्ष उत्तराखंड समेत देश के 18 राज्यों में अखिल भारतीय बाघ आकलन के तहत सर्वेक्षण हुआ। इस दौरान कार्बेट व राजाजी टाइगर रिजर्व में एक हजार से ज्यादा बीटों में बाघों के पगचिह्नों की गणना की गई। इसके अलावा बाघ बहुल वन प्रभागों में भी बड़ी संख्या में पगचिह्न मिले। इसके अलावा 1200 कैमरा ट्रैप के जरिये भी गणना की गई।

सर्वेक्षण के आंकड़ों को विशेष रूप से तैयार किए गए 'एम स्ट्राइप एप' में भी फीड किया गया। सर्वेक्षण में आए आंकड़ों के विश्लेषण के बाद अब इनके सार्वजनिक होने की घड़ी नजदीक आ रही है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक सर्वेक्षण के दौरान इस मर्तबा जिस हिसाब से बाघों के पगचिह्न मिले और कैमरा ट्रैप में बड़ी संख्या में आई तस्वीरों से साफ है कि यहां बाघों की संख्या में भारी इजाफा तय है। खासकर, राजाजी व कार्बेट के मध्य स्थित लैंसडौन वन प्रभाग के अलावा कार्बेट से लगे तराई के वन प्रभागों में अच्छी-खासी संख्या में बाघों की मौजूदगी के प्रमाण मिले।

ऐसे में माना जा रहा कि इस बार राज्य में बाघों की संख्या 400 पार हो जाएगी। हालांकि, सूत्रों ने बताया कि बाघ आकलन के नतीजे 29 जुलाई को दिल्ली में प्रधानमंत्री जारी करेंगे। इसके साथ ही राज्य में बाघों की संख्या के संबंध में सही तस्वीर सामने आएगी। 

राज्य में बाघ 

  • वर्ष---------संख्या 
  • 2017---------361 
  • 2014---------340 
  • 2011---------227 
  • 2010---------199 
  • 2008---------179 

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