Dehradun Crime News: पौड़ी जेल से कुख्यात चला रहा गैंग, दी हत्या की सुपारी; एसटीएफ ने तीन शूटर दबोचेे
उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ ने पौड़ी जेल में बंद बदमाश नरेंद्र वाल्मीकि के तीन शूटरों को आशारोड़ी से गिरफ्तार किया है। ये आपराधिक घटना को अंजाम देने की फि ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड की जेलों से कुख्यातों के गैंग चलाने का सिलसिला थम नहीं रहा। ताजा मामला पौड़ी जेल का है। यहां बंद कुख्यात नरेंद्र वाल्मीकि अब भी जेल से अपने गिरोह को संचालित कर रहा है। उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने इसका पर्दाफाश करते हुए वाल्मीकि के तीन शूटर देहरादून से गिरफ्तार किए हैं। उनके पास से तमंचे और कारतूस भी बरामद किए गए हैं। वाल्मीकि ने इन शूटर को रुड़की के दो व्यक्तियों की हत्या का काम सौंपा था।
एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि प्रदेश में सक्रिय अपराधियों की भौतिक निगरानी के दौरान बीते दिनों पता चला कि कुख्यात नरेंद्र वाल्मीकि अपने किसी पुराने मुकदमे के गवाह और मंगलौर निवासी एक व्यक्ति की रंजिश के चलते हत्या करवाने की योजना बना रहा है। इस पर एसटीएफ ने वाल्मीकि के शूटर, असलहा सप्लायर और पुराने साथियों की निगरानी शुरू की। पता चला कि इसी 31 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर व मुजफ्फरनगर और हरियाणा के फरीदाबाद के कुछ गैंगस्टर से वाल्मीकि के रुड़की निवासी मुख्य शूटर पंकज ने संपर्क किया है। यह भी जानकारी मिली कि तीन शूटर देहरादून आ रहे हैं। जो चंद्रबदनी क्षेत्र में किसी घर में रुकने वाले हैं।
इस पर आशारोड़ी चेकपोस्ट पर सघन चेकिंग शुरू करते हुए एसटीएफ की एक टीम तैनात कर दी गई। रविवार रात को यहां वाल्मीकि के तीनों शूटर नीरज पंडित निवासी मोहना, फरीदाबाद (हरियाणा), सचिन निवासी सोरम पट्टी, हस्वा भाहपुर, मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) और अंकित निवासी सलारपुरा, सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) को असलाह के साथ दबोच लिया गया। तीनों बदमाश स्कूटर और मोटरसाइकिल से दून आ रहे थे। उनके पास तीन तमंचे, छह कारतूस, मोबाइल फोन मिले।
बदमाशों ने बताया कि नरेंद्र वाल्मीकि के कहने पर उन्हें पंकज ने बुलाया था। वह रुड़की में दो व्यक्तियों पर हमला करने वाले थे। इसके लिए ही उन्हें तीन तमंचे उपलब्ध कराए गए थे। बताया कि जिन व्यक्तियों पर हमला करना था, उनके साथी बाबू की हत्या हो चुकी है।
जेल में रहते हुए वर्ष 2016 में कराई भाजपा नेता की हत्या
नरेंद्र वाल्मीकि ने वर्ष 2016 में हरिद्वार जेल में बंद रहते हुए अपने गुर्गों से रुड़की में भाजपा नेता की हत्या करवाई थी। इस हत्याकांड में पंकज के साथ नीरज पंडित भी शामिल था। इसके बाद वाल्मीकि को पौड़ी जेल में शिफ्ट किया गया। यहां रहते हुए वर्ष 2020 में हरिद्वार के प्रापर्टी डीलर से एक करोड़ की रंगदारी मांगने में नरेंद्र वाल्मीकि का नाम सामने आया। अभी वह गैर इरादतन हत्या के मामले में जेल में बंद है। एसएसपी ने बताया कि पकड़े गए बदमाश पूर्व में गैंगस्टर एक्ट में जेल जा चुके हैं। अंकित और सचिन गैंग के लिए काम करने के साथ हथियार व चोरी की गाड़ियां उपलब्ध कराते थे।
जेल का स्टाफ भी संदेह के घेरे में
एसएसपी ने बताया कि नरेंद्र वाल्मीकि लंबे समय से जेल में मोबाइल का इस्तेमाल कर रहा था। वह मोबाइल से अपने घर व गुर्गों से बात कर सुपारी लेता था। ऐसे में जेल स्टाफ की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। वह जेल के अंदर से किस तरह गैंग चला रहा था, यह जांच का विषय है। एसटीएफ की एक टीम को वाल्मीकि से पूछताछ करने के लिए पौड़ी जेल भेजा गया है। बदमाश की फोन काल व बैंक खातों को खंगाला जाएगा।
महिला की हत्या की सुपारी भी ली
एसटीएफ को जांच में यह भी पता चला है कि वाल्मीकि ने जेल से ही किसी महिला की हत्या कराने के लिए 10 लाख रुपये की सुपारी ली है। एसटीएफ अब यह जांच कर रही है कि वह महिला कौन है, और सुपारी किसने दी।

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