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    रोडवेज बस में पकड़ा तीन कुंतल सामान, नई गाइडलाइन की जारी Dehradun News

    जालंधर से हल्द्वानी आ रही रोडवेज बस में प्रवर्तन टीम ने बोरों में भरा हुआ तीन कुंतल सामान पकड़ा।

    By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sun, 22 Dec 2019 03:32 PM (IST)
    रोडवेज बस में पकड़ा तीन कुंतल सामान, नई गाइडलाइन की जारी Dehradun News

    देहरादून, जेएनएन। पंजाब के जालंधर से हल्द्वानी आ रही रोडवेज बस में प्रवर्तन टीम ने बोरों में भरा हुआ तीन कुंतल सामान पकड़ा। सामान के साथ कोई यात्री नहीं था और परिचालक बिना टिकट सामान ले जा रहा था। बस में शराब परिवहन होने की सूचना पर प्रवर्तन टीम ने छापा मारा था, लेकिन शराब नहीं मिली। रोडवेज प्रबंधन ने आरोपी चालक-परिचालक के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके साथ नई गाइड-लाइन जारी की है कि अब यात्री के बिना कोई भी सामान बसों में नहीं ले जाया जाएगा। 

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    हल्द्वानी डिपो की एक साधारण बस सेवा (यूके07पीए-2565) शनिवार को जालंधर से लौट रही थी। रोडवेज मुख्यालय को इस बस में शराब परिवहन की सूचना मिली तो यातायात अधीक्षक बृजेश पुंडीर की प्रवर्तन टीम को चेकिंग में लगाया गया। हरिद्वार के बहादराबाद में टीम ने बस रोक ली तो बस के अंदर सीट और लगेज स्टैंड में बोरे लदे हुए थे।

    परिचालक इकबाल अहमद से जब इन बोरों के बारे में पूछा गया तो वह जवाब नहीं दे पाया। इन बोरों के साथ कोई यात्री भी नहीं था। जिस पर प्रवर्तन टीम ने बस में बरामद बोरों को राज्य कर विभाग को सौंप दिया। साथ ही आरोपित परिचालक के बारे में मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी है। रोडवेज के महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि बस पर विशेष श्रेणी का परिचालक था, जिसके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। चालक नियमित है और उसके खिलाफ भी कदम उठाए जाएंगे। 

    पार्सल-सामान ले जाने पर रोक 

    बसों में सामान ले जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यालय की ओर से शनिवार को नए नियम जारी किए गए हैं। जिसमें यात्री के बिना कोई भी पार्सल और सामान ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। परिवहन निगम की डाक से इतर बसों में कोई भी सामान तब तक नहीं जा पाएगा, जब तक उसकी जिम्मेदारी लेने वाला यात्री बस में न बैठा हो।

    चेकिंग टीम को आदेश दिए गए हैं कि बिना यात्री बसों में सामान मिलने पर उस सामान को निकटतम पुलिस चौकी या कर विभाग के चेकपोस्ट पर जमा कराया जाए। इसके साथ ही चालक और परिचालक के विरुद्ध वहीं एफआरआइ भी दर्ज कराई जाए। दरअसल, लगातार मामले सामने आ रहे थे कि चालक या परिचालक मामूली लालच में कोई भी पार्सल या अन्य सामान बस में ले जाते हैं। जिससे यात्रियों में भय की स्थिति रहती थी। यात्री लगातार ऐसे मामलों की शिकायत कर रहे थे। 

    चार्जशीट के बावजूद फिर श्रीनगर डिपो में दे दी तैनाती 

    श्रीनगर डिपो से दिल्ली रूट की ऑनलाइन टिकट बुक बस को तय रूट से हटाकर कर्मचारी संगठन के कार्यक्रम में कोटद्वार ले जाने के आरोपित परिचालक को चार्जशीट होने के बावजूद दोबारा श्रीनगर डिपो में तैनात कर दिया गया। जांच में पता चला था कि उक्त परिचालक ने स्टेशन प्रभारी के नाम से खुद जाली हस्ताक्षर कर बस की डयूटी हटा दी थी। इसके बाद बस को कर्मचारी संगठन की बैठक में कोटद्वार ले जाया गया। यात्री धूप में परेशान होते रहे व कर्मचारी इस बस को अपने लिए इस्तेमाल करते रहे। 

    बीती 25 मई को श्रीनगर डिपो से सुबह आठ बजे दिल्ली के लिए जाने वाली बस डिपो में पहुंची ही नहीं थी। बस में दिल्ली जाने के 12 टिकट जबकि दिल्ली से वापसी के 34 टिकट ऑनलाइन बुक थे। यात्री तीन घंटे धूप में परेशान रहे व दूसरी बस में खड़े सफर कर किसी तरह ऋषिकेश पहुंचे। यहां से उन्हें दोपहर दो बजे दिल्ली रवाना किया गया था। जांच में पता चला था कि दिल्ली जाने वाली बस को एक कर्मचारी संगठन के नेता अपनी कोटद्वार में चल रही मीटिंग में ले गए थे। 

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    रोडवेज मुख्यालय ने मामले में जांच बैठाई एवं एजीएम का स्पष्टीकरण लिया गया। जांच में पता चला था कि बस को दिल्ली रूट से हटाने के लिए परिचालक ने स्टेशन प्रभारी की ओर से फर्जी आदेश बनाकर डिपो में चस्पा कर दिया था। इसमें बस को यात्रा डयूटी में जाना दर्शाया हुआ था। जांच के बाद आरोपित परिचालक को चार्जशीट दी गई और उसे श्रीनगर डिपो से भी हटा दिया गया था। अब गुपचुप ढंग से उसे वापस श्रीनगर भेज दिया गया।

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    बस पर नहीं की कभी ड्यूटी 

    रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रांतीय प्रवक्ता विपिन चौधरी ने बताया कि जिस आरोपित परिचालक को चार्जशीट के बाद भी श्रीनगर वापस भेजा गया है, उसने बस पर कभी ड्यूटी ही नहीं की। फर्जी आदेश बनाने और बस रूट से हटाने जैसे गंभीर मामले के बावजूद निगम अफसर भ्रष्टाचार से जुड़े कार्मिक को बचा रहे। 

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