उत्तराखंड में घटिया दवा बना रहीं थी कंपनियां, तीन कंपनियों में उत्पादन पर रोक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर उत्तराखंड में नकली दवाओं के खिलाफ छापेमारी की गई। स्वास्थ्य विभाग ने तीन दवा कंपनियों के उत्पादन पर रोक लगाई जिनमें से एक का लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की गई है। दून से धारचूला तक मेडिकल स्टोरों पर भी कार्रवाई हुई और अनियमितताएं पाई गईं। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि अभियान जारी रहेगा।

जागरण संवाददाता, देहरादून। नकली और घटिया दवाओं के विरुद्ध मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शनिवार को प्रदेशभर में छापेमारी की गई। स्वास्थ्य विभाग की जांच सामने आया कि सेलाकुई फार्मा क्षेत्र में तीन कंपनियां औषधि नियमावली के अंतर्गत निर्धारित गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (जीएमपी) का पालन नहीं कर रहीं थीं।
जिस पर करनानी फार्मास्युटिकल प्राइवेट लिमिटेड, लेक्सस इंडिया लिमिटेड और कैरोन लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड के दवा निर्माण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। इनमें लेक्सस इंडिया लिमिटेड में गंभीर अनियमितता पाई गईं, जिसके आधार पर उसके लाइसेंस निरस्तीकरण की संस्तुति की गई है। बाकी दो इकाइयों से स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
स्वास्थ्य सचिव डा. आर. राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर पूरे प्रदेश में हुई सघन छापेमारी में दून से लेकर धारचूला तक एक साथ कई जनपदों में औचक निरीक्षण कर मेडिकल स्टोर समेत औषधि निर्माण इकाइयों पर शिकंजा कसा गया है।
राजधानी के सेलाकुई और सहसपुर क्षेत्र में औषधि निरीक्षक मानेंद्र सिंह राणा के नेतृत्व में विनोद जगूड़ी और निधि रतूड़ी ने औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों एवं निर्माण इकाइयों की जांच की। इसी निरीक्षण में पांच मेडिकल स्टोरों को भी नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया। इनके क्रय-विक्रय की रोक लगाई गई है और कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इन प्रतिष्ठानों से सात औषधियों एवं कच्चे माल के नमूने गुणवत्ता जांच के लिए संग्रहित किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि कई स्थानों पर गंभीर अनियमितता भी पाई गईं, जैसे फार्मेसिस्ट की अनुपस्थिति, रेफ्रिजरेशन की अनुपयुक्त व्यवस्था, गंदगी, अभिलेखों का अव्यवस्थित रखरखाव व समाप्त अवधि की दवाओं का असुरक्षित भंडारण। कुछ स्थानों पर दवाएं जब्त कर नष्ट भी की गईं हैं।
छापेमारी केवल दून तक सीमित नहीं रही। भारत-नेपाल सीमा से लगे पिथौरागढ़, धारचूला और झूलाघाट में भी एसएसबी, सीआरपीएफ समेत स्थानीय पुलिस के साथ औचक निरीक्षण किया गया। इन क्षेत्रों में 13 प्रतिष्ठानों की जांच की गई व पांच नमूने लिए गए। विकासनगर और हरबर्टपुर क्षेत्र में भी औषधि विभाग की टीम सक्रिय रही।
सहायक औषधि नियंत्रक हेमंत सिंह नेगी के नेतृत्व में हुई जांच में सात विक्रय प्रतिष्ठानों और एक निर्माण इकाई की छानबीन की गई। यहां भी दो दुकानों पर क्रय-विक्रय पर रोक लगाई गई और उनके लाइसेंस निलंबन की संस्तुति की गई। स्वास्थ्य सचिव डा. आर. राजेश कुमार ने बताया कि अभियान लगातार जारी रहेगा। जनस्वास्थ्य के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। जहां भी नियमों की अनदेखी होगी, वहीं तुरंत सख्त कार्रवाई होगी।
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