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उत्तराखंड में मानसून के साथ गहराया डेंगू का डंक, तीन और मरीजों में पुष्टि

मानसून के रफ्तार पकड़ने के साथ ही डेंगू का डंक भी गहराने लगा है। जनपद देहरादून में तीन और मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। अब तक सात मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है।

By BhanuEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 09:32 AM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 09:32 AM (IST)
उत्तराखंड में मानसून के साथ गहराया डेंगू का डंक, तीन और मरीजों में पुष्टि
उत्तराखंड में मानसून के साथ गहराया डेंगू का डंक, तीन और मरीजों में पुष्टि

देहरादून, जेएनएन। मानसून के रफ्तार पकड़ने के साथ ही डेंगू का डंक भी गहराने लगा है। जनपद देहरादून में तीन और मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। अब तक सात मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। इसमें एक मरीज टिहरी व एक हरिद्वार जिले का है। एक मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री बताई गई है।

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स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार को कोरोनेशन अस्पताल की ओपीडी में आए रायपुर क्षेत्र के 21 और 32 वर्षीय दो मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। दोनों मरीज अब ठीक हैं और वह घर जा चुके हैं। 

वहीं, दून अस्पताल में तीन दिन से भर्ती एक 34 वर्षीय युवक में भी डेंगू की पुष्टि हुई है। वह अधोईवाला क्षेत्र का रहने वाला और कारोबारी है। उसकी हालत में भी सुधार बताया गया है। डेंगू के मामले लगातार सामने आने के बाद विभाग ने सरकारी एवं निजी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा है।

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसके गुप्ता के अनुसार जनपद देहरादून में 110 इलाकों को डेंगू के लिहाज से संवेदनशील माना गया है। इनमें 54 क्षेत्र देहरादून शहर, 21 ऋषिकेश, पांच विकासनगर, चार कालसी, सात सहसपुर, 10 रायपुर व नौ डोईवाला में चिह्नित किए गए हैं। 

यह वह इलाके हैं जहां पर जलभराव होता है। यहां डेंगू या अन्य बीमारियों के फैलने की आशंका रहती है। विभागीय अधिकारियों, आशाओं को ऐसे इलाकों में विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही लोगों को सफाई रखने, बुखार होने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाने और सतर्क रहने के लिए कहा गया है। 

इधर, जिला वीबीडी अधिकारी सुभाष जोशी की अगुवाई में टीम ने डेंगू संभावित क्षेत्रों का दौरा किया और लार्वानाशक दवा का छिड़काव कराया। वहीं, नगर निगम की टीम से फॉगिंग कराई गई। 

ये हैं डेंगू के लक्षण

अचानक तेज सिर दर्द और बुखार, मासपेशियों-जोड़ों में तेज दर्द, आंखों के पीछे दर्द, जी मचलाना और उल्टी, गंभीर मामलों में नाक, मुंह, मसूड़े से खून और त्वचा पर चकते उभरना। मलेरिया के लक्षण अचानक बहुत ठंड लगकर तेज बुखार आने के साथ ही दांत बजना, रोगी का बहुत ओढावन चाहना, शरीर में जलन, सिर और बदन दर्द, पसीना आकर बुखार उतरना। 

बचाव के उपाय 

-डेंगू का मच्छर साफ रुके हुए पानी में पनपता है। 

-कूलर, खुली पानी की टंकी, पक्षियों और पशुओं के पानी का बर्तन, फूलदान, नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन, टायर, डिस्पोजल बर्तन में। -पानी से भरे बर्तन-टंकियों को ढक कर रखें।

-प्रत्येक सप्ताह कूलर को खाली करके सुखा कर ही उपयोग में लाएं 

-मच्छर रोधी क्रीम, क्वाइल, रिपेलेंट अदि का उपयोग करें। 

-सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।

-घर में कीटनाशक का छिड़काव करें। 

-अनावश्यक एकत्र पानी में जला हुआ मोबिल ऑयल/मिट्टी का तेल डाल दें।

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