Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दून अस्पताल के स्टाफ की भूमिका पर फिर सवाल, पढ़िए पूरी खबर Dehradun News

    By Edited By:
    Updated: Sun, 14 Jul 2019 11:17 AM (IST)

    दून अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में तैनात स्टाफ की भूमिका पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। इस बार मामला नवजात को अन्य अस्पताल के लिए रेफर करने का है।

    दून अस्पताल के स्टाफ की भूमिका पर फिर सवाल, पढ़िए पूरी खबर Dehradun News

    देहरादून, जेएनएन। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के टीचिंग अस्पताल (दून अस्पताल) के इमरजेंसी वार्ड में तैनात स्टाफ की भूमिका पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। इस बार मामला नवजात को अन्य अस्पताल के लिए रेफर करने का है। दून अस्पताल की इमरजेंसी से जिस दस दिन के नवजात को रेफर किया गया था उसकी शनिवार को मौत हो गई। परिजनों ने नवजात की हालत खराब होने पर बीती रात को ही एक प्राइवेट अस्पताल से उसकी छुट्टी करा ली थी। अब इस पूरे मामले में दून अस्पताल की इमरजेंसी में तैनात स्टाफ की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं। अहम सवाल यह कि दून महिला अस्पताल में निक्कू वार्ड होने के बाद भी आखिर नवजात को अन्य अस्पताल के लिए रेफर क्यों किया गया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दरअसल, रुड़की निवासी शादाब की पत्नी गुल्लो ने दस दिन पहले बच्चे को जन्म दिया। नवजात की छाती में इंफेक्शन होने पर शुक्रवार अलसुबह तीन बजे के आसपास परिजन उसको लेकर दून अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचे। इमरजेंसी में नवजात का उपचार करने के बजाय वहां मौजूद चिकित्सक ने उसको हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। इसके बाद परिजन नवजात को लेकर रिस्पना पुल स्थित एक प्राईवेट अस्पताल पहुंचे। 

    बताया जा रहा है कि शुक्रवार शाम को बच्चे की तबीयत ज्यादा खराब हो गई। इस दौरान परिजन बच्चे को डिस्चार्ज कराकर किसी अन्य बड़े अस्पताल में ले जाना चाहते थे। प्राईवेट अस्पताल के प्रबंधन ने अधिक बिल भुगतान करने को कहा। इस बात को लेकर रात को अस्पताल में हंगामा भी हुआ था। हालांकि, बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत कराया।

    बताया जा रहा है कि परिजन इसके बाद बच्चे को सहारनपुर स्थित एक अस्पताल में ले गए, जहां डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए। परिजनों का आरोप था कि उन्हें दून अस्पताल की इमरजेंसी से एक शख्स रिस्पना पुल स्थित प्राईवेट अस्पताल ले गया था। जबकि दून महिला अस्पताल में निक्कू वार्ड की सुविधा है। ऐसे में दून अस्पताल की इमरजेंसी में तैनात स्टाफ की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। उधर, अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा का कहना है कि इस मामले की जांच की जा रही है। इमरजेंसी में तैनात स्टाफ को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। यदि ईएमओ की लापरवाही सामने आती है तो कार्रवाई की जाएगी।

    यह भी पढ़ें: अटल आयुष्मान के फर्जीवाड़े में दो अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई

    यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के इस सबसे बड़े अस्पताल की नई ओपीडी ही लाइलाज Dehradun News

    comedy show banner
    comedy show banner