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छात्रवृत्ति घोटाले में विधायक का भाई समेत तीन गिरफ्तार

दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआइटी ने मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन के भाई समेत तीन कॉलेज संचालकों को गिरफ्तार कर लिया।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 06 Mar 2019 09:20 AM (IST)Updated: Wed, 06 Mar 2019 09:20 AM (IST)
छात्रवृत्ति घोटाले में विधायक का भाई समेत तीन गिरफ्तार

देहरादून, जेएनएन। दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआइटी ने मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन के भाई समेत तीन कॉलेज संचालकों को गिरफ्तार कर लिया। तीनों पर फर्जी तरीके से समाज कल्याण विभाग से ढाई करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति हड़पने का आरोप है। 

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एसआइटी की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि जिस संस्थान के नाम से छात्रवृत्ति ली गई थी, उसके पते पर खंडहर मिला। यहां पढ़ने वाले छात्र कहां हैं, इसकी अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है। एसआइटी इस मामले में जल्द अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार कर सकती है। 

करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआइटी ने हरिद्वार के मंगलौर स्थित कथित टेकवर्ड वाली ग्रामोद्योग विकास संस्थान के ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। इस संस्थान और छात्रों के बैंक खाते में समाज कल्याण विभाग ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं के नाम वर्ष 2012-13 और 2014-15 में करीब दो करोड़ 54 लाख, 10 हजार 440 रुपये की छात्रवृत्ति जारी की। एसआईटी की पड़ताल में सामने आया है कि मंगलौर में यह संस्थान सिर्फ कागजों में चल रहा था। 

एसआइटी प्रभारी आइपीएस मंजूनाथ टीसी ने बताया कि संस्थान के अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल पुत्र लालचंद निवासी जीटी रोड मंगलौर, सचिव संजय बंसल पुत्र एचपी बंसल निवासी 32 ईसी रोड, देहरादून व विधायक मंगलौर काजी निजामुद्दीन के भाई और संस्थान में कोषाध्यक्ष काजी नूरउददीन पुत्र काजी मोहियूद्दीन निवासी किला मंगलौर, हरिद्वार आदि संचालक हैं। 

एसआइटी ने तीनों को पूछताछ के लिए रोशनाबाद कार्यालय बुलवाया। पूछताछ करने पर तीनों छात्रवृत्ति और संस्थान के बारे में ठोस प्रमाण नहीं दे पाए। जांच में सामने आई वास्तविकता को आरोपितों ने स्वीकार भी कर लिया। इस पर एसआईटी ने तीनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया। संस्थान से जुड़े अन्य लोगों की भूमिका की जांच भी की जा रही है। 

खंडहर मिला संस्थान का भवन 

आइपीएस मंजूनाथ ने बताया कि जिस स्थान पर संस्थान संचालित होने का पता दिया गया, वहां खंडहर मिला। बताया गया कि 2015 में यह कथित संस्थान बंद हो गया था। इसके लिए 2011 में उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय यूटीयू से मान्यता को आवेदन किया था, लेकिन आज तक मान्यता नहीं मिली। ऐसे में इस कॉलेज में कौन छात्र पढ़े और ये छात्र-छात्राएं कहां हैं। इस बारे में एसआइटी को अभी कोई जानकारी नहीं मिली है।विधायक पर भी लटकी तलवार!

छात्रवृत्ति घोटाले में मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन पर भी कार्रवाई की तलवार लटक गई है। दरअसल, घोटाला करने वाली संस्था में विधायक निजामुद्दीन भी ट्रस्टी हैं। एसआईटी प्रभारी मंजूनाथ टीसी के मुताबिक संस्था में विधायक को उपाध्यक्ष का पद दिया गया है, जबकि गिरफ्तार हुआ विधायक का भाई नूरउद्दीन कोषाध्यक्ष है। 

एसआईटी ने फिलहाल संस्थान के अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष को गिरफ्तार किया है। कागजों में चल रहे संस्थान के सभी पदाधिकारी भी जांच की जद में हैं। सूत्र बताते हैं कि एसआईटी मंगलौर विधायक की भूमिका की पड़ताल भी कर रही है। पुख्ता सबूत मिलते ही इस मामले में बड़ी कार्रवाई हो सकती है। एसआइटी प्रभारी का कहना है कि जांच में जिन लोगों के खिलाफ भी सुबूत पाए गए हैं, उन्हें गिरफ्तार किया गया है। आगे भी उन्हीं लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा, जिनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होंगे।

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