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छात्रवृत्ति घोटाले में एक और कॉलेज संचालक हुआ गिरफ्तार

छात्रवृत्ति घोटाले में एक और कॉलेज संचालक को गिरफ्तार किया गया है। आरोपित ने तीन कॉलेजों के नाम पर समाज कल्याण विभाग से करीब 14 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति ली थी।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 03 Mar 2019 08:43 PM (IST)Updated: Sun, 03 Mar 2019 08:43 PM (IST)
छात्रवृत्ति घोटाले में एक और कॉलेज संचालक हुआ गिरफ्तार

हरिद्वार, जेएनएन। बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में एसआइटी ने धनौरी रुड़की में तीन कॉलेज चलाने वाले ओम त्यागी को गिरफ्तार किया है। ओम त्यागी ने अपने तीनों कॉलेजों के नाम पर समाज कल्याण विभाग से करीब 14 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति ली थी। एसआइटी की पड़ताल में सामने आया है कि छात्रवृत्ति लेने वाले अधिकांश छात्र छात्राएं परीक्षा में भी शामिल नहीं हुए। एसआइटी जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां कर सकती है। इससे पूर्व एक और कॉलेज संचालक को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। 

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मुख्यमंत्री के निर्देश पर गठित एसआइटी देहरादून और हरिद्वार जनपद में छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही है। हरिद्वार के एसपी क्राइम व यातायात मंजूनाथ टीसी के नेतृत्व में पूरी छानबीन की जा रही है। एसआइटी ने पिछले दिनों कलियर सोहलपुर स्थित आइपीएस कॉलेज के संचालक अंकुर शर्मा को गिरफ्तार किया था। 

घोटाले से जुड़ी कड़ियां खंगालने पर एसआइटी को पता चला कि अमृत लॉ कॉलेज धनौरी और अमृत कॉलेज ऑफ एजुकेशन धनौरी ने समाज कल्याण विभाग से वर्ष 2012-13, 2013-14 व 2014-15 में अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति के तौर पर 6.32 करोड़ रुपये लिए हैं। जबकि तीसरे शैक्षणिक संस्थान अमृत आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज धनौरी के नाम पर करीब आठ करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति ली गई। 

तीनों संस्थानों के करीब 14 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति लेने वाले छात्र-छात्राओं के पंजीकरण व परीक्षा में शामिल होने के बारे में एसआइटी ने जब जानकारी जुटाई तो बड़ा झोल सामने आया। अधिकांश छात्र छात्राएं फर्जी निकले। 

तब एसआइटी ने तीनों कॉलेजों के संचालक, स्वामी, चैयरमैन व डायरेक्टर ओम त्यागी पुत्र स्व. अमृत लाल त्यागी निवासी ग्राम व पोस्ट धनौरी, थाना कलियर जिला हरिद्वार को गिरफ्तार कर लिया। एसपी क्राइम मंजूनाथ टीसी के नेतृत्व में इस मामले की जांच इंस्पेक्टर कमल कुमार लुंठी ने की। जांच टीम में उपनिरीक्षक राजेन्द्र खोलिया, उपनिरीक्षक मदन मोहन भट्ट, उपनिरीक्षक प्रमोद कुमार, कांस्टेबल दौलत ङ्क्षसह शामिल रहे।

मुफ्त पढ़ाई का झांसा देकर लिए दस्तावेज

एसआइटी की जांच में पता चला कि कुछ छात्र-छात्राओं के नाम से तीनों कॉलेजों ने छात्रवृत्ति ली है। पड़ताल में उनके नाम, पिता का नाम, पता, मोबाइल नंबर एक जैसे पाए जाने पर एसआइटी का माथा ठनका। उनके खाते भी एक ही ब्रांच में एक ही नाम से खोले गए थे। ऐसे छात्र छात्राओं से जब एसआइटी ने पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि उन्हें मुफ्त पढ़ाई का झांसा देकर दस्तावेज लिए गए थे, लेकिन बाद में योजना बंद होने का बहाना बना दिया गया। छात्र-छात्राओं को भनक भी नहीं लगी और शातिर ओम त्यागी ने अपने साथियों के साथ मिलकर उनके नाम से करोड़ों रुपये डकार लिए। इस मामले में सरकारी धन के गबन व आपराधिक षडय़ंत्र जैसी धाराएं भी लगाई गई हैं।

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