हजारों छात्रों को छात्रवृत्ति का इंतजार, पढ़ाई पर मंडरा रहा संकट
पूर्वदशम एवं दशमोत्तर छात्रवृत्ति के लिए छात्र लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। लेकिन अभीतक उनका इंतजार खत्म नहीं हो पाया। जिससे उनकी पढ़ार्इ पर असर पड़ने लगा है।
देहरादून, जेएनएन। केंद्र सरकार की ओर से अनुसूचित जाति, जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए संचालित छात्रवृत्ति योजना मकसद में सफल होती नजर नहीं आ रही। सालभर में छात्रवृत्ति आवेदन प्रक्रिया ही पूरी नहीं हो पा रही और जब पात्रों की सूची तैयार होती है तो महीने बजट के इंतजार में गुजर रहे हैं। हाल ही की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2018-19 की छात्रवृत्ति के आवेदन भी साल खत्म होने पर शुरू हो पाए हैं। वहीं, पिछले वर्ष की छात्रवृत्ति की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो पाई। आलम ये है कि देरी से छात्रवृत्ति मिलने की वजह से छात्रों की पढ़ाई पर भी असर पड़ने लगा है।
प्रदेश में पूर्वदशम एवं दशमोत्तर छात्रवृत्ति के लिए प्रदेशभर से 40 हजार से ज्यादा निर्धन वर्ग के छात्र-छात्राएं आवेदन करते हैं। छात्रवृत्ति के रूप में मिलने वाली आर्थिक मदद से वे अपनी पढ़ाई की फीस देते हैं। इसमें कोर्स के आधार छात्रवृत्ति दी जाती है। लेकिन, पिछले तीन वर्षों से छात्रवृत्ति प्रक्रिया बेहद सुस्त गति से चल रही है। बात वर्ष 2017-18 की करें तो इस छात्रवृत्ति के लिए आवेदन प्रक्रिया अगस्त 2017 में शुरू हुई थी, जो अक्टूबर 2018 में जाकर पूरी हुई। आवेदन करने के बाद अब बजट की तंगी आ गई।
अभी तक छात्रवृत्ति का बजट जारी नही हुआ और अब ये छात्र निराश नजर आ रहे हैं। वहीं, हैरानी की बात यह भी कि इस वर्ष की आवेदन प्रक्रिया नवंबर से शुरू हो पाई।
आवेदन के लिए भटक रहे छात्र
दरअसल, केंद्र सरकार के सेंट्रल स्कॉलरशिप पोर्टल में आवेदन करने में छात्रों को आवेदन संबंधी कई तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कॉलेज प्रबंधन जानकारी के अभाव में छात्रों को समाज कल्याण कार्यालय में भेज रहे हैं। मगर, दुर्भाग्य की बात कि विभागीय कार्यालय में छात्रों की समस्या के निराकरण के लिए कोई हेल्प डेस्क की व्यवस्था नहीं है। छात्रों को कारण व समाधान तक नहीं बताया जा रहा है।
समाज कल्याण विभाग के निदेशक मेजर योगेंद्र यादव का कहना है कि पिछले वर्ष की छात्रवृत्ति का जल्द भुगतान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उम्मीद है कि छात्रवृत्ति जल्द जारी होगी। इस साल की छात्रवृत्ति के आवेदन प्रक्रिया को विभागीय स्तर पर शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
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