Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अपने परिश्रम के दम पर भर्ती हुए इन युवाओं ने हासिल किया मुकाम

    By Sumit KumarEdited By:
    Updated: Sun, 13 Jun 2021 08:27 AM (IST)

    इरादे मजबूत हों तो मंजिल मिल ही जाती है। सेना में सिपाही के तौर पर भर्ती हुए वीरों ने कड़ी मेहनत के दम पर अफसर बनने तक का सफर पूरा किया। देवभूमि के इन ...और पढ़ें

    Hero Image
    सेना में सिपाही के तौर पर भर्ती हुए वीरों ने मेहनत के बूते अफसर बनने तक का सफर पूरा किया।

    जागरण संवाददाता, देहरादून : इरादे मजबूत हों तो मंजिल मिल ही जाती है। सेना में सिपाही के तौर पर भर्ती हुए वीरों ने कड़ी मेहनत के दम पर अफसर बनने तक का सफर पूरा किया। देवभूमि के इन सपूतों ने सफलता की इबारत लिख अपने परिवार के साथ प्रदेश का नाम भी रोशन किया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सात साल लगातार मेहनत कर मिली सफलता

    उत्‍तराखंड के मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल, तल्ला डुमैल निवासी रोहित रावत का परिवार वर्तमान में रुड़की में रहता है। रोहित रावत के पिता सतेंद्र सिंह रावत बंगाल रेजिमेंट से सेवानिवृत्त हैं और मां जयश्री गृहणी। आर्मी पब्लिक स्कूल रुड़की से 12वीं पास करने के बाद उन्होंने बीटेक में दाखिला ले लिया, लेकिन दूसरे सेमेस्टर में ही 2011 में रोहित सेना में भर्ती हो गए। यहां ड्यूटी के दौरान ही उनके सीनियरों ने उन्हें एसीसी के जरिए अफसर बनने की राह दिखाई। सात साल लगातार मेहनत के बाद साल 2017 में एसीसी में चयन हो गया। इससे परिवार फर्क महसूस कर रहा है।

    यह भी पढ़ें- Indian Military Academy: भारतीय सेना को मिले 341 युवा अधिकारी, 84 विदेशी कैडेट भी हुए पास आउट

    योगेश ने दो साल में पाया मुकाम

    उत्‍तराखंड के बनबसा (चम्पावत) के योगेश चंद भी अपने परिश्रम से सिपाही से अफसर बने। पिता कमल चंद भी सेना से सेवानिवृत्त हैं और मां कलावती गृहणी हैं। योगेश ने बताया कि पिता को देख वह देश सेवा के लिए प्रेरित हुए। योगेश ने केंद्रीय विद्यालय बनबसा से साल 2014 में 12वीं की परीक्षा पास की। अगले साल ही सेना में भर्ती हो गए। पिता ने एसीसी के बारे में बताया था, तो भर्ती होने के बाद ही इसके लिए तैयारी शुरू कर दी। दो साल में ही इसका परिणाम भी मिल गया।

    यह भी पढ़ें- Black Carbon Impact on Himalaya: हिमालय के लिए बड़ा खतरा बना ब्लैक कार्बन, ग्लेशियर के तेजी से पिघलने की आशंका बढ़ी

    Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें