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    उत्‍तराखंड में इंटर कालेजों में प्रधानाचार्य पदों पर पदोन्नति का रास्ता साफ

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Fri, 29 Oct 2021 07:23 PM (IST)

    उत्‍तराखंड में कुल 1385 राजकीय इंटर कालेज हैं। इन कालेज में से 1000 से ज्यादा कालेजों में स्थायी प्रधानाचार्य नहीं हैं। अब राजकीय इंटर कालेजों में प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों को भरने का रास्ता साफ हो गया है।

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    प्रदेश में अब राजकीय इंटर कालेजों में प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों को भरने का रास्ता साफ हो गया है।

    राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश में अब राजकीय इंटर कालेजों में प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों को भरने का रास्ता साफ हो गया है। पदोन्नति के नियमों में छूट को बनी नियमावली पर लगी रोक हटने से करीब 250 इंटर कालेजों को मुखिया मिल सकेंगे। प्रदेश में कुल 1385 राजकीय इंटर कालेज हैं। इनमें से एक हजार से ज्यादा कालेजों में स्थायी प्रधानाचार्य नहीं हैं। इन कालेजों को कार्यवाहक प्रधानाचार्यों के भरोसे चलाया जा रहा है। प्रधानाचार्य का पद शत-प्रतिशत पदोन्नति का है।

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    राजकीय हाईस्कूलों की संख्या इंटर कालेजों की तुलना में कम होने की वजह से प्रधानाचार्यों के पदों को पूरी तरह भरना मुमकिन नहीं हो पा रहा है। बीते दिनों प्रधानाचार्य के रिक्त 77 पदों पर पदोन्नति की जा चुकी है। इसके बाद पदोन्नति नहीं हो पा रही थी। दरअसल वर्ष 2017 में सरकार ने उत्तराखंड सरकारी सेवक पदोन्नति के लिए अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण नियमावली-2010 पर रोक लगा दी थी।

    इस नियमावली में पदोन्नति के लिए इससे नीचे के पद पर सेवा अवधि में शिथिलीकरण देने का प्रविधान है। विभाग अधिकतम 50 फीसद सीमा तक इस छूट का लाभ उठा रहे थे। इस नियमावली पर लगी रोक मंत्रिमंडल ने हटा दी है। तमाम कर्मचारी संगठन इस संबंध में लगातार मांग कर रहे थे। राजकीय शिक्षक संघ और राजकीय प्रधानाचार्य एसोसिएशन ने इस संबंध में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों को भरने के लिए पदोन्नति में शिथिलता देने का मुद्दा उठाया था।

    अब कार्मिक की नियमावली को इस चयन वर्ष के लिए लागू करने का निर्णय सरकार ने लिया है। इससे अन्य विभागों की तरह शिक्षा विभाग में भी पदोन्नति में शिथिलता देने का रास्ता साफ हो गया है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि राजकीय इंटर कालेजों में प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों को भरने में पेश आ रही दिक्कत का अब दूर की जा सकेगी। मंत्रिमंडल ने पदोन्नति की राह में बड़ी बाधा दूर कर दी है। इससे पहले 347 राजकीय हाईस्कूलों को भी प्रधानाध्यापक मिल चुके हैं। अब प्रधानाचार्यों के करीब 250 पदों पर पदोन्नति हो सकेगी। विभाग को इस संबंध में तेजी से कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं, ताकि कालेजों को जल्द प्रधानाचार्य मिल सकें।

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