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    National Education Policy 2020: एक भारत-श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना होगी साकार

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Thu, 13 Aug 2020 09:26 AM (IST)

    डॉ. कुलदीप रैना (कुलपति डीआइटी विश्वविद्यालय) का कहना है कि नई शिक्षा नीति 2020 सामने आई है वह भारतीय समाज और भावी पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।

    National Education Policy 2020: एक भारत-श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना होगी साकार

    देहरादून, जेएनएन। National Education Policy 2020 डॉ. कुलदीप रैना (कुलपति, डीआइटी विश्वविद्यालय) का कहना है कि सर्वविदित है कि किसी भी समाज को विकास के शिखर पर ले जाने में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इस संदर्भ में भारतीय शिक्षा व्यवस्था का बहुत बड़ा योगदान रहा है। यह समाज के विभिन्न वर्गो के सर्वागीण विकास में सहायक सिद्ध हुई है। 

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    समय-समय पर हमारी शिक्षा प्रणाली में आवश्यकतानुसार सुधार भी होते रहे हैं। लेकिन, वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति, केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के कुशल नेतृत्व, इसरो के पूर्व चेयरमैन एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति समिति के चेयरमैन डॉ. कस्तूरीरंगन व अन्य शिक्षाविदों के अथक प्रयासों से जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 सामने आई है, वह भारतीय समाज और भावी पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यह शिक्षा नीति छात्रों के समग्र विकास व जीवन मूल्यों पर केंद्रित है। जो स्थानीय, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय परिपेक्ष्य में भी युवा पीढ़ी को नए अवसर उपलब्ध कराने में सहायक सिद्ध होगी। 

    नई शिक्षा नीति का उद्देश्य छात्रों में नैतिक मूल्यों, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, रचनात्मकता का विकास करने के साथ उन्हें शोध, अनुसंधान व नवाचार के लिए प्रेरित करना है। जिससे एक वैश्विक सवरेत्तम शिक्षा प्रणाली का निर्माण हो। साथ ही इसकी मदद से देश को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति में बदलकर विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में लाना है। नई नीति में प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा में व्यापक परिवर्तन की योजना बनाई गई है। इस नीति की एक विशेषता यह भी है कि इसके मूल में विद्यार्थियों को सुगम व सरल माध्यमों से उपयोगी शिक्षा प्रदान करना है। ‘भारतीय उच्च शिक्षा आयोग’ व ‘राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन’ जैसे एकल नियामक होने का विचार भी स्वागतयोग्य कदम है। इसमें लचीले पाठ्यक्रम, अकादमिक क्रेडिट बैंक की स्थापना, मजबूत अनुसंधान संस्कृति को बढ़ावा, प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग व स्टार्टअप पर फोकस किया गया है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मानदंडों के अनुरूप शिक्षा डीआइटी विश्वविद्यालय में पहले ही प्रारंभ हो चुकी है।

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    निश्चित ही यह डीआइटी के छात्रों के कौशल विकास में सहायक सिद्ध होगी। मैं पूर्ण विश्वास से कह सकता हूं कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का जोर शिक्षार्थियों की जरूरतों को पूर्ण करने व सभी को समान अवसर देने पर है ताकि हम भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए एक नए समाज का निर्माण कर एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार कर सकें।

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