पुलिसकर्मियों के ग्रेड पे को लेकर सड़कों पर उतरे स्वजन, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आश्वासन पर माने
सरकार व पुलिस अधिकारियों की तमाम कोशिशों के बावजूद पुलिसकर्मियों का 4600 ग्रेड पे का मामला सुलझता नजर नहीं आ रहा है। रविवार को एक बार फिर पुलिसकर्मियों के स्वजन सड़कों पर उतरे।स्वजन ने सीएम आवास के लिए कूच किया जहां हाथीबड़कला बैरियर पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया।

जागरण संवाददाता, देहारदून: पुलिसकर्मियों को 4600 ग्रेड पे देने की मांग को लेकर पुलिसकर्मियों के स्वजन एक बार फिर सड़क पर उतर गए। पूरे प्रदेश से बड़ी संख्या में पहुंचे स्वजन ने गांधी पार्क से मुख्यमंत्री आवास के लिए कूच किया, लेकिन हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग लगाकर पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक लिया। इसके बाद स्वजन वहीं पर धरने पर बैठ गए। यहां देर रात करीब 11 बजे तक उनका प्रदर्शन चलता रहा। बाद में डीजीपी अशोक कुमार ने उनकी सीएम से वार्ता कराई। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें आश्वासन दिया कि आचार संहिता लगने से पहले उनके मसले का हल निकाल लिया जाएगा।
पुलिसकर्मियों की मांग को लेकर रविवार को उनके स्वजन सुबह 10 बजे से गांधी पार्क में एकत्र होने शुरू हो गए थे। इसके बाद हाथों में तख्तियां लेकर मुख्यमंत्री आवास की तरफ बढ़े। रैली में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के बच्चे भी शामिल रहे। एक बजे स्वजन हाथीबड़कला पहुंचे, जहां पहले से ही तैनात एसपी सिटी सरिता डोबाल व अन्य पुलिस अधिकारियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने। वे बैरिकेडिंग पार करने की कोशिश करने लगे, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक लिया। इसके बाद वे वहीं पर सड़क जाम करके धरने पर बैठ गए। इस दौरान कई संगठनों ने उन्हें समर्थन दिया। देर शाम एसएसपी जन्मेजय खंडूरी भी हाथीबड़कला पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों के स्वजन की कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के साथ बैठक करवाई। बैठक में पुलिस परिवार से मानसी गुसांई, गीता रावत, आशी भंडारी, कल्पना भंडारी, शकुंतला रावत, प्रियंका नेगी व पूजा मौजूद रहीं।
एसएसपी के कैंप कार्यालय में चली बैठक में कैबिनेट मंत्री उनियाल ने कहा कि मामले के निस्तारण के लिए कमेटी बनाई गई है, जिसमें फैसला जल्द हो जाएगा। बैठक के बाद स्वजन ने संतोष जताया, लेकिन इसके बाद वह दोबारा धरने में बैठ गए। इससे पहले पुलिसकर्मियों के स्वजन ने 25 जुलाई को भी धरना-प्रदर्शन किया था। आंदोलन को समर्थन देने कई संगठनों पदाधिकारी गांधी पार्क के बाहर पहुंचे। इनमें अधिकारी कर्मचारी शिक्षक महासंघ, उक्रांद सहित अन्य संगठनों के पदाधिकारी शामिल रहे।
यह भी पढ़ें- पुनर्गठन के नाम पर पदों में कटौती, सिंचाई विभाग कार्मिकों ने किया विरोध
ये है मामला
सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के तहत एक जनवरी 2016 को उत्तराखंड में दारोगा को 4600 व निरीक्षक को 4800 ग्रेड पे निर्धारित किया गया। वर्तमान में यह गे्रड पे दारोगा को दिया जा रहा है, लेकिन जिन पुलिसकर्मियों की सेवा 20 साल से अधिक हो गई है, उनका ग्रेड पे कम करने की बात कही जा रही है। जबकि पुलिसकर्मियों के स्वजन की मांग है कि 4600 रुपये ही गे्रड पे दिया जाए। सरकार ने इस पर एक कमेटी गठित की है। कमेटी की ओर से बीच का रास्ता निकालकर 4200 ग्रेड पे पर एडिशनल सब इंस्पेक्टर का पद सृजित किया जा रहा है, यह पुलिस कर्मियों के स्वजन को मंजूर नहीं है। उनका आरोप है कि राज्य सरकार की ओर से गठित कमेटी की ओर से बार-बार वित्तीय हवाला दिया जा रहा है, जबकि 2021 में ही कोविडकाल के दौरान करोड़ों रुपये खर्च कर विभागीय रैंकर्स परीक्षा का आयोजन किया गया। यदि विभाग चाहता तो वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन कर इस वित्तीय भार से बचा जा सकता था, लेकिन विभाग के कुछ आलाधिकारी नहीं चाहते कि पुराने पुलिसकर्मियों को प्रमोशन मिले। पुलिस विभाग पूरे राज्य में एक ऐसा विभाग है, जहां पुलिसकर्मियों को विभागीय प्रमोशन पाने के चक्कर में अपनी जान तक देनी पड़ती है। प्रमोशन के लिए जो दौड़ कराई जाती है उसमें कुछ पुलिसकर्मियों की मृत्यु तक हो जाती है।
प्रदर्शन को लेकर पुलिस असहज, पहचान शुरू
पुलिसकर्मियों के परिवार सड़कों पर उतरने के कारण पुलिस अधिकारी एक बार फिर असहज नजर आ रहे हैं। सूत्रों की मानें तो पुलिस परिवारों की पहचान शुरू हो गई है। पता लगवाया जा रहा है कि किस-किस पुलिसकर्मी के परिवार से महिलाएं प्रदर्शन करने के लिए पहुंची थी।
एसएसपी, जन्मेजय खंडूरी का कहना है कि पुलिसकर्मियों के स्वजन का अपनी मांगों को रखना ठीक है, लेकिन इसमें कई संगठन ऐसे हैं, जो उन्हें उकसा रहे हैं। ऐसे व्यक्तियों को चिह्नित किया जा रहा है।
यह भी पढ़ें- Wildlife Week: वन्यजीव सप्ताह के तहत देहरादून जू में लैपर्ड व तितली की फिल्म देख रोमांचित हुए बच्चे
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।