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    दून में अंतरगण सूत्र वाचन कर तप कर रहे श्‍वेतांबर जैन समाज के लोग

    By Sumit KumarEdited By:
    Updated: Fri, 21 Aug 2020 08:00 AM (IST)

    श्‍वेतांबर जैन समाज का पयूर्षण पर्व सादगी के साथ मनाया जा रहा है। काम क्रोध लोभ मोह और अहंकार को छोड़कर इन दिनों लोग घर पर जप तप कर रहे हैं।

    दून में अंतरगण सूत्र वाचन कर तप कर रहे श्‍वेतांबर जैन समाज के लोग

    देहरादून, जेएनएन। श्‍वेतांबर जैन समाज का पयूर्षण पर्व सादगी के साथ मनाया जा रहा है।  काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार को छोड़कर इन दिनों लोग घर पर जप, तप कर रहे हैं। गुरुवार को घरों में ही रहकर अंतरगण सूत्र की वाचना की गई।  पर्यूषण पर्व जैन समाज का महत्वपूर्ण पर्व है। जैन धर्म धर्मावलंबी भाद्रपद मास में पर्यूषण पर्व मनाते हैं। श्वेतांबर संप्रदाय के पर्यूषण आठ दिन चलते हैं। अंतिम दिन पोषद व्रत व क्षमावाणी के साथ समापन होता है। श्वेतांबर जैन समाज का पर्युषण पर्व 15 अगस्त से शुरू हो चुका है। इसके अगले दिन यानी 23 अगस्त से दिगंबर जैन समाज का 10 दिवसीय पर्युषण पर्व शुरू हो जाएगा।

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    श्री श्वेतांबर स्थानकवासी जैन सभा के महामंत्री आदेश जैन ने बताया कि अंतरगण सूत्र वाचन करने के साथ ही कई लोग उपवास भी रख रहे हैं। अंतरगण सूत्र आठ दिन में पढ़कर खत्‍म करना होता है। सूर्य अस्‍त होने के बाद सादा व हल्‍का भोजन कर व्रत खोला जाता है। श्वेतांबर स्थानकवासी जैन समाज में अठाई परंपरा आत्मा उत्थान के लिए है। इसमें जप-तप कर ईश्वर की भक्ति की जाती है। जाने-अनजाने में हुए अपराध व पाप के लिए क्षमा मांगते हैं और तप कर अपने भावों और विचारों को शुद्ध करते हैं। 

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    दून प्रवास पर नहीं हैं जैन मुनिइस बार कोरोनाकाल के चलते कोई भी जैन मुनि चातुर्मास में दून प्रवास पर नहीं है। ऐसे में प्रवचन कार्यक्रम नहीं हो सकेंगे। दिगंबर जैन समाज के लोग भी घरों और मंदिरों में सादगी से पर्व मनाएंगे। 

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