3000 मेगावाट की 12 जल विद्युत परियोजनाओं पर काम करेगी टीएचडीसी, जानें- कितनी होगी लागत
टीएचडीसी उत्तराखंड सरकार के साथ मिलकर 3000 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता वाली 12 जल विद्युत परियोजनाओं पर काम करेगी। इनकी लागत करीब बीस हजार करोड़ रुपये होगी। जल्दी ही इनका शिलान्यास होगा। बड़ी बात यह है कि इन परियोजनाओं से उत्पादित बिजली पर सौ फीसद अधिकार राज्य सरकार का होगा।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। THDC टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक राजीव कुमार विश्नोई ने बताया कि टीएचडीसी उत्तराखंड सरकार के साथ मिलकर 3000 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता वाली 12 जल विद्युत परियोजनाओं (Hydro Power Project) पर काम करेगी। इनकी लागत करीब बीस हजार करोड़ रुपये होगी। जल्द ही इनका शिलान्यास किया जाएगा। बड़ी बात यह है कि इन परियोजनाओं से उत्पादित बिजली पर सौ फीसद अधिकार राज्य सरकार का होगा।
सीएमडी राजीव कुमार विश्नोई ने बताया कि इन सभी परियोजनाओं में 75 प्रतिशत खर्च टीएचडीसी और 25 प्रतिशत खर्च उत्तराखंड सरकार करेगी। इस पर सैद्धांतिक सहमति हो गई है। उन्होंने बताया कि कुमाऊं मंडल में धौली गंगा घाटी में तीन परियोजना, गोरी गंगा घाटी धारचूला में एक परियोजना, चमोली जनपद में अलकनंदा घाटी के अंतर्गत दो परियोजना, यमुना घाटी में एक परियोजना और टौंस घाटी में पांच परियोजनाएं शामिल है।
उन्होंने बताया कि टीएचडीसी हाइड्रोजन आधारित परियोजना पर भी काम शुरू करने जा रही है। ऋषिकेश में टीएचडीसी के मुख्यालय परिसर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत एक मेगावाट क्षमता का ऊर्जा संचय प्लांट हम लगाने जा रहे हैं। इसके बाद बड़े प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया जाएगा।
100 साल तक मैदानी क्षेत्र में बाढ़ रोकेगा टिहरी बांध
टीएचडीसी के सीएमडी राजीव कुमार विश्नोई ने बताया कि टिहरी बांध की झील का अत्यधिक जल स्तर 830 मीटर के लक्ष्य को हमने छू लिया है। राज्य सरकार की अनुमति के बाद यह काम संभव हो पाया। वर्ष 2013 में केदार घाटी की आपदा के बाद मैदानी क्षेत्र के कई शहरों को बांध की झील के कारण बाढ़ से बचाया जा सका था। अब इसके जलस्तर की क्षमता बढ़ जाने के बाद अगले 100 वर्षों तक गंगासागर पश्चिम बंगाल तक बाढ़ रोकने में यह बांध सहायक होगा।
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