उत्तराखंड: GMVN खनन से भरेगा सरकार का खाली खजाना, कल 36 लॉटों के टेंडर होंगे जारी
गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) को करोडों रुपये का नुकसान हुआ है। राजस्व का घाटा पूरा करने के लिए अब जीएमवीएन की नजर खनन पर है।
देहरादून, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के चलते इस साल यात्राएं और अन्य गतिविधियां बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं। इससे गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) को करोडों रुपये का नुकसान हुआ है। राजस्व का घाटा पूरा करने के लिए अब जीएमवीएन की नजर खनन पर है। प्रदेश के विभिन्न 36 लॉटों के टेंडर मंगलवार को खोले जाएंगे। एक अक्टूबर से खनन का काम शुरू कर दिया जाएगा।
विगत वर्षों में निगम चारधाम यात्रा, राफ्टिंग और अन्य खेल गतिविधियों से करोड़ों का राजस्व कमाता था, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते बाहरी प्रदेशों और विदेशों से आने वाले पर्यटकों पर सरकार ने रोक लगा दी। इसके चलते निगम की वित्तीय स्थिति काफी कमजोर हो गई है। यहां तक जिन पर्यटकों ने यात्रा के लिए अग्रिम बुकिंग की थी, उन्होंने भी बुकिंग का पैसा वापस मांग लिया। ऐसे में निगम को करीब पौने दो करोड़ रुपये पर्यटाकों को वापस लौटाने पड़े।
इस बार पांच साल के लिए होगा टेंडर
यह पहली बार जब खनन के टेंडर पांच साल के लिए दिए जाएंगे। इससे पहले निगम की ओर से एक-एक साल के लिए टेंडर जारी किए जा रहे थे, घाटा होने पर कई ठेकेदार खनन लॉट लेने के लिए आगे नहीं आए, ऐसे में कई लॉट खाली ही रह गए। ऐसे में निगम को भारी नुकसान उठाना पड़ा। इस बार सरकार ने नियमावली में बदलाव करके खनन के टेंडर एक साल के बजाए पांच साल के लिए देने की योजना बनाई है।
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36 खनन लॉटों का होगा टेंडर
निगम के जीएम टूरिज्म जतिंदर कुमार ने बताया कि आसन, भालदी, दुबड़ी, बंजारावाला, जाखन, झोठी, जुयालगढ़, ज्वालापुर, कालीराव, महेंद्रपुर, नैनगांव, सराना, श्रीपुर, सुद्धोवाला, सुंदाना, टौंस, यमुना सहित 36 लॉटों के टेंडर मंगलवार को जारी किए जाएंगे। एक अक्टूबर से खनन का काम शुरू हो जाएगा।