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दसवीं की छात्रा से दुष्कर्म के दोषी को दस साल की सजा

दसवीं कक्षा की नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म करने के आरोपित को दोषी ठहराते हुए पोक्सो कोर्ट ने दस साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी पर 40 हजार का जुर्माना भी लगाया है।

By BhanuEdited By: Published: Sat, 01 Sep 2018 10:53 AM (IST)Updated: Sat, 01 Sep 2018 10:53 AM (IST)
दसवीं की छात्रा से दुष्कर्म के दोषी को दस साल की सजा
दसवीं की छात्रा से दुष्कर्म के दोषी को दस साल की सजा

देहरादून, [जेएनएन]: दसवीं कक्षा की नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म करने के आरोपित को दोषी ठहराते हुए पोक्सो कोर्ट ने दस साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी पर 40 हजार का जुर्माना भी लगाया है। जिसमें से 10 हजार रुपये पीड़िता को देने के निर्देश दिए हैं। 

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घटना 30 अप्रैल 2015 में कोतवाली पटेलनगर क्षेत्र में सामने आई थी। विशेष लोक अभियोजक पोक्सो भरत सिंह नेगी ने बताया कि आरोपित अमित कुमार पुत्र राजकुमार निवासी बड़ोवाला दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक नाबालिग को बहला फुसलाकर अपने साथ भगाकर ले गया और अपने परिचित के यहां उसके साथ दुष्कर्म कर कर फरार हो गया। 

बताया कि इसके बाद जिनकेयहा नाबालिग को लेकर आरोपित गया था वह अगले दिन पीड़िता को लेकर सीधे आइएसबीटी पुलिस चौकी पहुंचे। जिसके बाद पुलिस ने नाबालिग के परिजनों को चौकी बुला कर उसे परिजनों को सौंप दिया था। 

इसके बाद पीड़िता ने परिजनों को आपबीती बताई और कहा कि आरोपित ने उसके साथ दुष्कर्म किया। जिसके बाद परिजनों ने अमित के खिलाफ दुष्कर्म करने, बहला फुसलाकर भगाकर ले जाने सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया था। 

मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपित को अगले ही दिन गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। नेगी ने बताया कि मेडिकल के दौरान पता चला कि नाबालिग गर्भवती है। बयान में भी पीड़िता ने अमित का नाम लिया था। 26 दिसंबर 2015 को जब बच्चा पैदा हुआ तो उस दौरान भी पीड़िता ने आरोपित अमित का नाम लिया था। 

अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में कुल छह गवाह कोर्ट में पेश किए गए। तमाम सबूत, साक्ष्य एवं गवाहों के आधार पर विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडे की अदालत ने अमित को दोषी मानते हुए कोर्ट ने अधिकतम दस साल की सजा एवं 40 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। 

धोखाधड़ी के दोषी को दो साल 10 माह की सजा 

सचिवालय में फर्जी तरीके से नौकरी दिलाने के आरोपी को जेएम प्रथम सचिन कुमार की अदालत ने दोषी मानते हुए दो साल दस माह कि कठोर करावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी पर दो हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना नहीं देने पर दोषी को सात दिन की अतिरिक्ति सजा काटनी होगी। 

अभियोजन अनूप चौधरी ने बताया कि नेहरू कॉलोनी थाने में एक पीड़ित ने खुशवंत उर्फ इशमीत सिंह पुत्र अमर सिंह निवासी डीएल रोड डालनवाला के खिलाफ 24 अगस्त 2015 में मुकदमा दर्ज करवाया था। आरोप था कि खुशवंत ने फर्जी तरीके से सचिवालय में पीड़ित को नौकरी दिलाने का झासा दिया। 

फर्जीवाड़े का पता चलने के बाद पीड़ित ने नेहरू कॉलोनी थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से कुल दो गवाह कोर्ट में पेश किए गए। कोर्ट ने सबूत एवं गवाहों के बयानों के आधार पर दोषी को दो साल दस माह की सजा सुनाई।

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