असाइनमेंट और प्रयोगात्मक परीक्षा में बाहरी शिक्षक आमंत्रित नहीं, जानिए वजह
डिग्री कॉलेज की प्रयोगात्मक परीक्षा लेने के लिए बाहरी कॉलेज के शिक्षकों को नहीं बुलाया जाएगा। सभी प्रयोगात्मक विषयों के पेपर उसी कॉलेज के शिक्षक लेंगे।
देहरादून, जेएनएन। दून के किसी भी डिग्री कॉलेज की प्रयोगात्मक परीक्षा लेने के लिए बाहरी कॉलेज के शिक्षकों को नहीं बुलाया जाएगा। सभी प्रयोगात्मक विषयों के पेपर उसी कॉलेज के शिक्षक लेंगे। इस प्रकार की व्यवस्था कोरोना संक्रमण को देखते हुए की गई है। लगभग सभी डिग्री कॉलेज ऑनलाइन प्रयोगात्मक परीक्षा लेने के पक्ष में हैं, जिससे प्रयोगशाला में छात्रों को बुलाने की जरूरत ही न पड़े।
प्रयोगात्मक परीक्षा के लिए मौखिक और लिखित प्रश्नावली तैयार की जा रही है। डीएवी पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अजय सक्सेना ने बताया कि फिलहाल कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच किसी भी छात्र को प्रयोगात्मक परीक्षा के लिए कॉलेज नहीं बुलाया जा सकता है। ऐसे में ऑनलाइन प्रयोगात्मक परीक्षा ही एक मात्र विकल्प है। छात्र-छात्राओं को मौखिक और लिखित प्रश्नावली दी जाएगी जिसके आधार पर छात्रों को नंबर दिए जाएंगे। कुछ कक्षाओं की वर्चुअल प्रयोगात्मक परीक्षा भी ली जा सकती है। प्रयोगात्मक परीक्षा को लेकर यह व्यवस्था दून के अन्य कॉलेज डीबीएस, एमकेपी, श्री गुरु राम राय पीजी कॉलेज और राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रायपुर में भी लागू है।
95 फीसद छात्रों ने जमा किए असाइनमेंट
डीएवी पीजी कॉलेज के करीब 95 फीसद छात्र-छात्राओं ने आंतरिक परीक्षा के असाइनमेंट ऑनलाइन जमा कर दिए हैं। असाइनमेंट जमा करने की अंतिम तिथि 25 जुलाई निर्धारित की गई है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अजय सक्सेना ने बताया कि निर्धारित तिथि तक लगभग सभी छात्र-छात्राओं की ओर से आंतरिक परीक्षा के असाइनमेंट जमा करने की उम्मीद है। जमा किए गए असाइनमेंट की जांच साथ-साथ चल रही है।
विवि का पाठ्यक्रम रेडियो के माध्यम से हो रहा प्रसारित
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय (यूओयू) कोरोना संक्रमण काल में अपने छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा से जोड़ रहा है। विवि रेडियो के माध्यम से पाठ्यक्रम को प्रसारित कर रहा है। साथ ही इस कार्यक्रम को विवि की वेबसाइट पर भी अपलोड किया गया है। जिससे छात्र कहीं से भी पाठ्यक्रम से जुड़ सकें। कोरोना संक्रमण बढऩे पर यूओयू ने 18 मार्च, 2020 से विवि का हल्द्वानी परिसर छात्र-छात्राओं के लिए बंद कर दिया था। इसके बाद विवि ने अप्रैल में एक नए प्रयोग के तौर पर अपने सामुदायिक रेडियो हेलो हल्द्वानी के माध्यम से पाठ्यक्रम प्रसारित किया।
विवि के कुलपति प्रो. ओपीएस नेगी ने बताया कि यूजीसी के आदेशों के क्रम में विवि ने कोरोना काल से पहले ही ऑनलाइन शिक्षा का माध्यम तैयार कर लिया था। विद्यार्थी ई-लर्निंग का लाभ ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि रेडियो पर विवि का पाठ्यक्रम 91.2 फ्रीक्वेंसी पर सुना जा सकता है। साथ ही विवि की वेबसाइट पर भी कार्यक्रम से जुडऩे का विकल्प दिया गया है। सामुदायिक रेडियो का प्रसारण फिलहाल हल्द्वानी शहर के भीतर ही हो रहा है।
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