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Swatantrata Ke Sarthi: कहीं नहीं मिला सहारा तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बना मददगार

लोगों की जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तो ऐसे व्यक्तियों का सहारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बना है जो जनता को निश्शुल्क कानूनी सेवा प्रदान कर रहा है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 14 Aug 2020 09:49 AM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 09:58 PM (IST)
Swatantrata Ke Sarthi: कहीं नहीं मिला सहारा तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बना मददगार
Swatantrata Ke Sarthi: कहीं नहीं मिला सहारा तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बना मददगार

देहरादून, सोबन सिंह गुसाईं। Swatantrata Ke Sarthi अपने हक के लिए हर व्यक्ति के पास कानूनी लड़ाई लड़ने का संवैधानिक अधिकार है। लेकिन, समाज में ऐसे भी लोग हैं, जो किन्हीं कारणों के चलते इस अधिकार का उपयोग नहीं कर पाते। ऐसे व्यक्तियों का सहारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) बना है, जो जनता को निश्शुल्क कानूनी सेवा प्रदान कर रहा है।

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कोरोना काल के बाद लॉकडाउन शुरू हुआ तो घरेलू हिंसा के मामले भी बढ़े। महिलाओं की जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तो पीड़ितों ने डीएलएसए की टीम से अपना दर्द बयां किया। टीम के पास आई 539 शिकायतों में से अधिकतर का आपसी सुलह से समझौता कराया गया। जिन मामलों में समझौता नहीं हुआ तो टीम ने खुद पुलिस के पास जाकर मुकदमा कराया और अब यह केस अदालत में चल रहे हैं। इन केस की पैरवी डीएलएसए की टीम निश्शुल्क कर रही है। ऐसे मामलों में केस लड़ने के लिए प्राधिकरण की ओर से बिना फीस के अधिवक्ता की व्यवस्था की गई है।

इसी तरह प्राधिकरण के पास 291 मामले ऐसे आए, जिनमें मालिक की ओर से अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा रहा था। प्राधिकरण की टीम ने कंपनियों या घरों में जाकर दोनों पक्षों में समझौता कराकर उन्हें वेतन दिलवाया। इसी तरह जो बंदी अधिवक्ता की व्यवस्था नहीं कर सके, उन्हें प्राधिकरण की ओर से निश्शुल्क अधिवक्ता मुहैया कराकर पैरोल व बेल मुचलके पर रिहा करवाया गया। प्राधिकरण के पास न सिर्फ उत्तराखंड, बल्कि अजमेर, आगरा, हिसार व चेन्नई से भी कानूनी मदद के लिए शिकायत पहुंची। प्राधिकरण की ओर से उन्हें निश्शुल्क सलाह दी गई है।

नेहा कुशवाहा (सचिव, सिविल जज, डीएलएसए) का कहना है कि जरूरतमंदों को कानूनी सलाह देने के लिए फ्री लीगल सर्विस शुरू की है। हमारे पास सबसे अधिक शिकायत घरेलू हिंसा की हैं। अब तक तीन हजार से अधिक मामलों में न्याय दिलाया जा चुका है। जो पीड़ित प्राधिकरण के पास नहीं आ सकता, उसे कानूनी मदद दिलाने के लिए टीम स्वयं उसके पास जाती है।

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केस 1

देहरादून की एक महिला को उसके ससुरालियों ने कमरे में बंद किया हुआ था। इस पर महिला ने डीएलएसए से संपर्क कर अपनी गूगल लोकेशन व वीडियो भेजी। टीम ने गूगल लोकेशन से महिला का पता निकलवाया और आगरा पुलिस के सहयोग से उसे देहरादून लेकर आई।

केस 2 

कानपुर में देहरादून की महिला फंसी हुई है। महिला ने फोन करके डीएलएसए की टीम को बताया कि ससुराली उसके साथ मारपीट कर रहे हैं। महिला को देहरादून लाने के लिए प्राधिकरण की टीम कानपुर रवाना हो चुकी है।

आप भी चाहते हैं निश्शुल्क कानूनी सलाह तो यहां संपर्क करें

0135-2520873

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