यहां तहसील में दम तोड़ रहा है सुगम्य भारत अभियान, जानिए
तहसील में केंद्र सरकार का सुगम्य भारत अभियान दम तोड़ रहा है। राजीव गांधी कॉम्प्लेक्स के दूसरे तल पर स्थित तहसील में आवाजाही में दिव्यांगों को लंबी सीढि़यां नापनी पड़ रही हैं।
देहरादून, जेएनएन। देहरादून की तहसील में केंद्र सरकार का 'सुगम्य भारत' अभियान दम तोड़ रहा है। राजीव गांधी कॉम्प्लेक्स के दूसरे तल पर स्थित तहसील में आवाजाही में दिव्यांगों को लंबी सीढ़ियां नापनी पड़ रही हैं। शारीरिक कठिनाइयों के बीच सीढ़ियां नापने में हर कदम दुर्घटना का खतरा भी बना हुआ है। इस सबके बावजूद तहसील प्रशासन ने दिव्यांगों के आने-जाने के लिए कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई है। दिव्यांगों को उनके हाल पर ही छोड़ दिया गया है। वहीं, अभियान में लाखों का बजट खपाने वाला समाज कल्याण विभाग भी दिव्यांगों की समस्याओं पर आंखें मूंदे नजर आ रहा है।
सुगम्य भारत अभियान के तहत दिव्यांगों को तमाम सुविधाएं देने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही सरकारी कार्यालयों में ऐसी व्यवस्था की जा रही है, जिससे दिव्यांगों को आवाजाही और अन्य किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। लेकिन लगता है कि देहरादून तहसील का इस महत्वपूर्ण अभियान से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है। तभी तो पूरे तहसील परिसर में दिव्यांगों के आने-जाने के लिए न तो रैंप (ढलानदार मार्ग) का निर्माण किया गया है और न एक भी व्हील चेयर रखी गई है। सिर्फ मुख्य मार्ग से कॉम्प्लेक्स में प्रवेश करने के लिए रैंप बने हैं।
इसके बाद सीढ़ियां ही एक मात्र विकल्प है, क्योंकि लिफ्ट हर समय खराब रहती है। यह गंभीर इसलिए भी है क्योंकि तहसील भवन की दूसरी मंजिल पर है। इसलिए सुगम्य भारत अभियान यहां और महत्वपूर्ण हो जाता है। मगर, इससे दिव्यांगों के प्रति तहसील प्रशासन का उदासीन रवैया उजागर हो रहा है। यह है योजना केंद्र सरकार दिव्यांगों के लिए 'सुगम्य भारत' योजना संचालित कर रही है। जिसमें सभी सरकारी कार्यालय व अन्य संस्थानों में दिव्यांगों के अनुकूल आने-जाने का मार्ग बनाया जाता है, जिससे उन्हें चलने में शारीरिक दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
इसमें रैंप निर्माण (ढलानदार मार्ग) बनाने समेत कई अन्य कार्य कराए जाने हैं। विभाग अपने स्तर पर भी यह कार्य कराता है। इसके अलावा महत्वपूर्ण सार्वजनिक परिसरों में समाज कल्याण विभाग भी अपने बजट से व्यवस्था करा सकता है।
ये हैं नियम
-कार्यालय में सीढ़ी के साथ रैंप (ढलानदार मार्ग) भी बनाया जाए।
-कार्यालय में व्हील चेयर अवश्य रखी जाए।
-कार्यालय में दिव्यांगों के लिए बैठने की समुचित व्यवस्था।
-दिव्यांगों के लिए विशेष पेयजल और शौचालय निर्माण।
तहसील सदर आरसी रमोला का कहना है कि मुख्य मार्ग से कॉम्प्लेक्स में प्रवेश करने के लिए रैंप बने हैं। दूसरे तल पर तहसील व अन्य विभागों में जाने के लिए लिफ्ट लगाई गई है, लेकिन अधिक दबाव के कारण उसके खराब होने की समस्या आती है। यह बात सही है कि कई अन्य कदम उठाने की जरूरत हैं।
जिला समाज कल्याण अधिकारी जीत सिंह रावत ने बताया कि सुगम्य भारत अभियान के तहत कई विभागों में कार्य कराए जाने हैं। इसमें तहसील भी शामिल है। बजट स्वीकृत होने पर संबंधित विभागों से प्रस्ताव मांगा जाएगा।
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