गजब हाल: समाधान छोड़िए, यहां जवाब भी नहीं देते यूपीसीएल के अफसर
उपभोक्ताओं को बिजली कटौती की समस्या से जूझना पड़ रहा है। हेल्पलाइन नंबरों के बाद भी उपभोक्ताओं को कटौती के कारण व बिजली कब आएगी ऐसे सवालों के जवाब नहीं मिलते।

देहरादून, जेएनएन। हर घर में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना यूपीसीएल की जिम्मेदारी है, क्योंकि आम जनता इसके लिए भुगतान करती है, लेकिन यहां भुगतान के बाद भी उपभोक्ताओं को अघोषित बिजली कटौती की समस्या से जूझना पड़ रहा है। तमाम हेल्पलाइन नंबरों के बाद भी उपभोक्ताओं को बिजली कटौती के कारण व बिजली कब आएगी ऐसे सवालों के जवाब नहीं मिलते। हेल्पलाइन का फोन कभी उठता नहीं, अगर उठ भी जाए तो उनके पास मौसम का बहाना तैयार होता है।
अधिकारियों की लापरवाही का आलम यह है कि वह जनता की समस्याओं को आफत की तरह लेते हैं। यही कारण है कि लोगों के पास जनता की सेवा के लिए तैनात जेई, एई, एसडीओ तक के फोन नंबर नहीं हैं। जिन्हें वह अपनी समस्याओं से अवगत करा सकें। लोगों का आरोप है कि अधिकारी अपने नंबर उन्हें देते ही नहीं हैं और अगर कोई अधिकारी नंबर दे भी देता है तो वह फोन नहीं उठाता है। ऐसे में जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठते हैं।
जानकारी नहीं तो कैसे करेंगे समाधान
1912 व 18004190405 हेल्पलाइन का जिम्मा संभाल रही साईं फ्यूचर नामक आउटसोर्सिंग एजेंसी के कर्मियों को फील्ड की कोई जानकारी नहीं है। यही वजह है कि लोग जब अपने क्षेत्रों के फॉल्ट व बिजली के बारे में जानकारी लेते हैं तो वे लोगों को संतुष्ट नहीं कर पाते। कई बार देखा जाता है कि जानकारी न दे पाने की स्थिति में लाइन भी कट कर दी जाती है।
वेटिंग में ही रहते हैं उपभोक्ता
शिकायतें सुनने के लिए सुबह-शाम की शिफ्ट में 30 व रात की शिफ्ट में आठ से दस कर्मियों की ड्यूटी होती है। ये कर्मी प्रदेशभर की शिकायतों की सुनवाई करते हैं। शिकायतें अधिक व कर्मी सीमित होने के कारण लोगों की कॉल काफी देर तक वेटिंग में रखी जाती है। जिस वजह से लोग बार-बार डायल करके परेशान होते रहते हैं, मगर उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाता।
हेल्पलाइन वाले अधिकारियों पर मढ़ रहे दोष
हेल्पलाइन का संचालन कर रहे एक कर्मी ने कहा कि बिजलीघर से फॉल्ट व अन्य जानकारी उपलब्ध कराना संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी होती है। लेकिन, हेल्पलाइन को जानकारी ही नहीं दी जाती है। इस वजह से वे उपभोक्ताओं को भी ज्यादा कुछ नहीं बता पाते।
रात को हटा देते हैं रिसीवर
बंजारावाला, मोहनपुर समेत शहर के कई बिजली घरों में भी रात दस बजे के बाद फोन न उठाए जाने की शिकायतें आती रहती हैं। आरोप है कि फोन का रिसीवर साइड कर दिया जाता है।
यह है नियम
नियम यह है कि जब भी लोग अपने क्षेत्र में बिजली की समस्या को लेकर शिकायत दर्ज कराते हैं तो उन्हें उनके क्षेत्र में आए फॉल्ट के बारे में जानकारी देनी होती है। साथ ही उन्हें बिजली आने का अनुमानित समय बताना होता है। लेकिन, ऐसा नहीं हो रहा है।
लोगों की समस्या उनकी जुबानी
- हेमंत अग्रवाल (देहराखास) का कहना है कि देहराखास में बिजली कटौती की समस्या बनी रहती है। लोग बिजली घर व हेल्पलाइन नंबर पर फोन मिलाते रहते हैं, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिलती। रात के समय तो और बुरा हाल होता है।
- सुभाष बहुगुणा (ऋषि विहार, मोहनपुर) का कहना है कि ऋषि विहार क्षेत्र में बुधवार रात से गुरुवार सुबह नौ बजे तक बिजली गुल रही। रातभर लोग मोहनपुर बिजलीघर व हेल्पलाइन नंबर पर फोन मिलाते रहे, लेकिन फोन नहीं उठाया गया।
- सुनील उनियाल (ऋषि विहार, मोहनपुर) का कहना है कि बुधवार रात बिजली जाने से लोग खासे परेशान रहे। मोहनपुर बिजलीघर व हेल्पलाइन नंबर पर भी फोन नहीं उठाया गया। लोगों को बिजली आने की जानकारी तक नहीं मिल पा रही है तो यह कैसी हेल्पलाइन है?
बिजली जाए तो इनसे पूछें कारण
- आराघर बिजली घर: जगपाल सिंह एसडीओ- 9412075901
- पटेल रोड बिजली घर: बीके जोशी एसडीओ- 9412057016
- बिंदाल बिजली घर: भूपेंद्र सिंह एसडीओ- 9412075907
- परेड ग्राउंड बिजली घर: चंद्रमोहन एसडीओ- 9412075906
- टर्नर रोड बिजली घर: उदय सिंह पंवार एसडीओ- 9412075903
- वसंत विहार बिजली घर: ए पोखरिया एसडीओ- 9412075924
बोले अधिकारी
बीसीके मिश्रा (एमडी, यूपीसीएल) का कहना है कि अधिकारियों को दोनों हेल्पलाइन की नियमित मॉनीटरिंग करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। बिजलीघर में कई बार कर्मी मौके पर जाने के कारण फोन उठाने में असमर्थ रहते हैं। लेकिन, हेल्पलाइन से आमजन को पूरी सहायता मिले, इसके लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।

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