कैफे संचालक की आड़ में की जमीनों की खरीद-फरोख्त, ED ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में शुरू की जांच
उद्योगपति सुधीर विंडलास और उनके सहयोगियों पर राजपुर में सरकारी जमीन पर कब्जा करने का आरोप है। इस मामले में ईडी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच कर रही है। आरोप है कि आरोपियों ने राजस्व विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी से जमीन अपने नाम करवा ली और फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से जमीन बेची। पुलिस ने चार मुकदमे दर्ज किए थे।

जागरण संवाददाता, देहरादून। दून के नामी उद्योगपति सुधीर विंडलास व उनके सहयोगियों के करोड़ों रुपये के जमीन फर्जीवाड़े में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लगातार कार्रवाई में जुटी हुई है। राजपुर रोड पर कैफे का संचालन करने वाले गोपाल गोयनका ने कैफे की आड़ में सुधीर विंडलास के साथ मिलकर जमीनों की खरीद फरोख्त की।
आरोपितों ने राजपुर के पुरकुल क्षेत्र में सरकारी भूमि पर कब्जा किया। इस मामले में पुलिस ने चार मुकदमे दर्ज किए थे, जिन्हें अक्टूबर 2022 में सीबीआइ को ट्रांसफर किया गया। इस मामले में उद्योगपति सुधीर विंडलास और कैफे संचालक गोपाल गोयनका समेत 20 को आरोपित बनाया गया है।
ईडी ने चारों एफआइआर के आधार पर मनी लांड्रिंग एक्ट में जांच शुरू करते हुए फर्जीवाड़े से जुड़े आरोपियों की कुंडली खंगालनी शुरू की। आरोपितों ने दो विक्रय विलेख (सेल डीड) के आधार पर आधा-आधा हेक्टेयर भूमि खरीदी और उससे लगती हुई उतनी ही जमीन कब्जा ली।
इसके अलावा भी अन्य भूमि फर्जीवाड़े किए गए हैं। इसमें राजस्व विभाग के कार्मिकों के साथ मिलीभगत कर जमीनों को अपने नाम चढ़वा लिया। जमीन फर्जीवाड़े में सुधीर विंडलास के साथ गोपाल गोयनका की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई।
इस मामले में ईडी तत्कालीन राजस्व उपनिरीक्षक, नायब तहसीलदार और तहसीलदार से भी पूछताछ कर चुकी है। बताया जा रहा है कि सरकारी कार्मिकों ने भी आरोपितों पर धोखाधड़ी से जमीन अपने नाम पर दर्ज करवाने के बयान दिए हैं।
यह है पूरा मामला
उद्योगपति सुधीर विंडलास और उनके सहयोगियों पर जमीन कब्जाने और धोखाधड़ी कर बेचने का पहला मामला राजपुर थाने में वर्ष 2018 में दर्ज किया गया। यह मामला राजपुर निवासी दुर्गेश गौतम की ओर से एसआइटी (भूमि) को दी गई शिकायत के क्रम में दर्ज किया गया।
दुर्गेश का आरोप है कि सुधीर विंडलास ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर राजपुर के पुरकुल क्षेत्र के एक हेक्टेयर सरकारी भूमि कब्जाकर अपने नाम दर्ज कराई है। इसके बाद दूसरा मुदकमा 09 जनवरी 2022 को दून पैरामेडिकल कालेज के संचालक संजय सिंह चौधरी ने दर्ज कराया।
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उनका आरोप है कि आरोपितों ने जोहड़ी गांव स्थित उनकी जमीन को फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से बेच दिया। तीसरा मुकदमा 13 जनवरी 2022 को ले. कर्नल सोबन सिंह दानू (रिटा.) ने कराया।
उनका आरोप है कि सरकार से जो जमीन उन्हें जोहड़ी गांव में आवंटित की गई थी, उसे आरोपितों ने कब्जा लिया। वहीं, चौथा मुकदमा 25 जनवरी 2022 को दर्ज किया गया। यह मुकदमा भी दून पैरामेडिकल कालेज के संचालक संजय सिंह चौधरी ने दर्ज कराया।
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