इस बार आधार कार्ड के बगैर जेईई परीक्षा नहीं दे सकेंगे छात्र
प्रतिष्ठित तकनीकी शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मेंस-2017 में शामिल होने वाले छात्र आधार कार्ड के बगैर इस बार परीक्षा नहीं दे सकेेंगे।
देहरादून, [जेएनएन]: प्रतिष्ठित तकनीकी शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मेंस-2017 में शामिल होने वाले छात्रों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। इस बार बिना आधार नबंर के कोई भी छात्र जेईई के लिए आवेदन नहीं कर पाएगा।
देशभर के तमाम भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आइआइटी), राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (एनआईटी), केंद्र सरकार से सहायतित तकनीकी शिक्षा संस्थानों (जीएफटीआई) समेत प्रतिष्ठित तकनीकी शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए जेईई मेंस का आयोजन किया जाता है।
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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बीते सप्ताह जेईई मेंस-2017 का कार्यक्रम घोषित कर दिया। दो अप्रैल, 2017 को होने वाले जेईई मेंस के लिए दो दिसंबर से एक जनवरी तक आवेदन किए जा सकेंगे। खास बात यह है कि सीबीएसई ने इस बार आवेदन के लिए आधार कार्ड को प्राथमिक अर्हता में शामिल किया है।
आधार को लेकर उत्तराखंड की स्थिति पर गौर करें तो देहरादून जनपद में ही करीब 30 फीसद लोगों के आधार कार्ड नहीं बन पाए हैं। ऐसे में राज्य के दुर्गम स्थानों की स्थिति का अंदाज लगाया जा सकता है। अब वे छात्र और अभिभावक चिंता में हैं, जिन्होंने आधार के लिए आवेदन तक नहीं किया है।
उधर, सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश हैं कि सभी सेवाओं के लिए आधार को अभी अनिवार्य नहीं किया जाना चाहिए। ऐसे में परीक्षा में आधार की अनिवार्यता को लेकर भी कुछ छात्र सवाल उठा रहे हैं।
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हालांकि, मौजूदा स्थिति में सीबीएसई अगर कोई छूट नहीं देता तो देशभर में जेईई के लिए आवेदन में 20 फीसद तक कमी आ सकती है। ऐसे में उन छात्रों को खासा नुकसान होगा, जो दो साल से परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे हैं।
इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी कराने वाले संस्थान वीआर क्लासेस के प्रबंध निदेशक वैभव राय का कहना है कि आधार की अनिवार्यता से कुछ छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे छात्रों के लिए बेहतर है कि वे आवेदन की अंतिम तिथि से पूर्व आधार के लिए पंजीकरण करा लें और आधार नंबर ले लें ताकि आवेदन का मौका हाथ से न जाए।
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उन्होंने कहा कि परीक्षा में धांधली रोकने और छात्रों के सत्यापन के लिए सीबीएसई का यह कदम सराहनीय है। लेकिन, इसकी घोषणा में थोड़ी देरी की गई।
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