राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के नेताओं की मुख्य अभियंता से तीखी बहस, जानिए वजह
सिंचाई विभाग कार्यालय घेराव के दौरान बुधवार को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के नेताओं की मुख्य अभियंता से तीखी बहस हो गई।
देहरादून, जेएनएन। सिंचाई विभाग कार्यालय घेराव के दौरान बुधवार को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के नेताओं की मुख्य अभियंता से तीखी बहस हो गई। घेराव कर रहे कर्मचारी नेताओं से मुख्य अभियंता ने कहा कि उनके विभाग में सभी संवगरे में पदोन्नति हो गई है। जबकि कर्मचारी नेताओं ने कहा कि केवल अधिकारियों की पदोन्नति की गई है, लेकिन मेट और सुपरवाइजर इस प्रक्रिया से अभी तक वंचित हैं।
शासनादेश के बाद भी पदोन्नति न होने के विरोध में पंद्रह दिवसीय घेराव कार्यक्रम के अंतिम दिन राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पदाधिकारी यमुना कॉलोनी स्थित सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय पहुंचे। यहां विभागीय कर्मचारियों के साथ उन्होंने पदोन्नति न होने के विरोध में नारेबाजी की। इसके थोड़ी देर बाद मुख्य अभियंता पूरनचंद ने परिषद के पदाधिकारियों को वार्ता के लिए अपने कक्ष में बुलाया और कहा कि सिंचाई विभाग में सभी संवगरे में पदोन्नति हो गई है। उनके इस जवाब से परिषद के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर प्रहलाद सिंह ने कहा कि जब शत-प्रतिशत पदोन्नति हो गई है तो मेट और सुपरवाइजर की पदोन्नति अभी तक क्यों नहीं हुई। उन्हें शांत कराते हुए मुख्य अभियंता ने कहा कि विभाग के पुराने ढांचे में मेट और सुपरवाइजर की पदोन्नति का प्रावधान ही नहीं है।
कार्यकारी प्रदेश महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट ने कहा कि जब अधिकारियों को पदोन्नति करनी होती है तो सेवा नियमावली में संशोधन कर दिए जाते हैं या बिना काम के पद तक सृजित कर दिए जाते हैं। मगर जब छोटे कर्मचारियों के हित की बात आती है तो उसमें नियमावली का हवाला दिया जाता है। सेवा नियमावली में संशोधन कर मेट व सुपरवाइजर की पदोन्नति की मांग की। मुख्य अभियंता ने संस्तुति सहित नियमावली शासन को भेज दी है। इस दौरान कार्यकारी प्रदेश महामंत्री अरुण पांडेय, जिलाध्यक्ष चौधरी ओमवीर सिंह, सुभाष शर्मा, सिंचाई संघ के अध्यक्ष जय प्रकाश यादव मौजूद रहे।
लेखा परीक्षा संघ को सुनाई खरी-खरी
लेखा परीक्षा संघ की ओर से विभाग के घेराव और विभागीय संगठन से सलाह न लिए जाने पर की गई आपत्ति पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने खरी-खरी सुना दी। परिषद के प्रदेश अध्यक्ष प्रहलाद सिंह ने कहा कि जब भी कर्मचारी हितों पर कुठाराघात होगा परिषद बिना किसी को सूचना के विभाग और अधिकारी के खिलाफ आंदोलन करेगा। इसमें उसे किसी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। वहीं जरूरत पड़ी तो आने वाले दिनों हल्ला बोल कार्यक्रम भी किया जाएगा।
चालकों को मिले समान कार्य, समान वेतन का लाभ
आल इंडिया गवर्नमेंट ड्राइवर्स फेडरेशन ने बुधवार को मुख्य सचिव को ज्ञापन देकर विभागों, निगमों व अन्य उपक्रमों में तैनात वाहन चालकों के लिए समान कार्य, समान वेतन की मांग की। इसके साथ ही पुरानी पेंशन व्यवस्था को भी बहाल करने का भी मुद्दा उठाया गया। अफसरों में सरकारी के बजाय किराये के वाहनों में चलने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने की भी मांग की गई।
फेडरेशन ने मुख्य सचिव को सौंपे प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन में आठ मुद्दों की ओर ध्यान आकृष्ट कराया गया है। इसमें समान कार्य के लिए समान वेतन, पुरानी पेंशन बहाली, खस्ताहाल हो चुके वाहनों की नीलामी और अधिकारियों के प्राइवेट वाहनों के प्रयोग पर अंकुश लगाने, फेडरेशन के पदाधिकारियों को देश भर में रेल और बस की मुफ्त यात्र की सुविधा देने की मांग की गई। कार्यवाहक महामंत्री संदीप कुमार मौर्य ने कहा कि केंद्र सरकार सभी वाहन चालकों को कोरोनो योद्धा घोषित कर उनकी समस्याओं का समाधान किए जाए।
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क्योंकि कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बिना वह दिन-रात अधिकारियों के साथ चलते रहे हैं। यदि फेडरेशन की मांगों पर विचार नहीं किया जाता है तो जुलाई के अंतिम सप्ताह में चरणबद्ध आंदोलन को बाध्य होंगे। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष अनंतराम शर्मा, संगठन मंत्री पंकज भंडारी, शूरवीर सिंह रावत, गिरीश चंद्र, सबर सिंह रावत, हरीश कोठारी, मनोज सनवाल और अन्य मौजूद रहे।
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