Haridwar Kumbh Mela 2021: अखाड़ा परिषद से मंथन के बाद हरिद्वार कुंभ के लिए जारी होगी एसओपी
Haridwar Kumbh Mela 2021 गंगाद्वार हरिद्वार में माघ पूर्णिमा से प्रारंभ होने वाले कुंभ की अवधि घटाने श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रखने और अस्थायी व्यवस्था खत्म करने के मद्देनजर जारी की गई गाइडलाइन के संबंध में राज्य सरकार जल्द ही अखाड़ा परिषद के साथ बैठक करेगी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Haridwar Kumbh Mela 2021 गंगाद्वार हरिद्वार में माघ पूर्णिमा से प्रारंभ होने वाले कुंभ की अवधि घटाने, श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रखने और अस्थायी व्यवस्था खत्म करने के मद्देनजर जारी की गई गाइडलाइन के संबंध में राज्य सरकार जल्द ही अखाड़ा परिषद के साथ बैठक करेगी। सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के मुताबिक संतों से राय-मशविरा लेने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बैठक होगी, जिसमें कुंभ के लिए मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) पर निर्णय लिया जाएगा। कोशिश ये है कि फरवरी के पहले हफ्ते में कुंभ की एसओपी जारी कर दी जाए।
सरकार ने कुंभ के दिव्य-भव्य आयोजन के हिसाब से तैयारियां की हैं। साथ ही कुंभ की अवधि दो माह रखने का निर्णय लिया है। कुंभ के दौरान सामान्य दिनों में एक लाख और स्नान पर्वों पर पांच लाख तक श्रद्धालुओं के उमड़ने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में एक ही जगह पर इतनी भीड़ होने से कोरोना संक्रमण की आशंका ने भी पेशानी पर बल डाले हुए हैं। इस सबको देखते हुए केंद्र सरकार ने हाल में कुंभ के मद्देनजर गाइडलाइन जारी की थी। इसमें कोरोना संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर कार्मिकों की संख्या के हिसाब से प्रतिदिन आने वाले श्रद्धालुओं की अधिकतम सीमा निर्धारित करने को भी कहा गया है।
इस सबको देखते हुए अब राज्य सरकार कुंभ की एसओपी को लेकर सक्रिय हुई है। सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि अखाड़ा परिषद के साथ होने वाली बैठक में कुंभ के मद्देनजर केंद्र की गाइडलाइन के संबंध में विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके बाद मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक में संतों की राय समेत सभी पहलुओं पर विमर्श कर कुंभ के लिए एसओपी के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
तैयार हो रहा 2000 बेड का अस्पताल
कैबिनेट मंत्री कौशिक ने बताया कि हरिद्वार कुंभ मेला क्षेत्र में 2000 बेड के अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए अन्य कई कदम भी उठाए जा रहे हैं।
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