उत्तराखंड में अपनाए जाएंगे ठोस कूड़ा प्रबंधन के तीन मॉडल, इन शहरों में होंगे लागू; जानिए
उत्तराखंड में ठोस कूड़ा प्रबंधन के तीन मॉडल अपनाए जाएंगे। रुड़की में वेस्ट टू इनर्जी मॉडल हरिद्वार में बायोगैस मॉडल और कोटद्वार में छत्तीसगढ़ मॉडल लागू होगा।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में ठोस कूड़ा प्रबंधन के तीन मॉडल अपनाए जाएंगे। रुड़की में वेस्ट टू इनर्जी मॉडल, हरिद्वार में बायोगैस मॉडल और कोटद्वार में छत्तीसगढ़ मॉडल लागू होगा। इसके बाद पूरे राज्य में इसी तर्ज पर ठोस कूड़ा प्रबंधन का कार्य किया जाएगा।
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक और वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने गुरुवार को विधानसभा स्थित स्थित सभाकक्ष में कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत कूड़ा निस्तारण के संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में पर्यावरण व वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने बताया कि कोटद्वार में ठोस कूड़ा प्रबंधन का विशेष मॉडल लागू होगा। इससे कोटद्वार को काफी लाभ मिलेगा। इसे पर्यावरण प्रदूषण बोर्ड का निदेशालय देखेगा।
छत्तीसगढ़ पर आधारित इस मॉडल में भूमि सिडकुल से ली जाएगी। इस संबंध में राजस्व सचिव कैबिनेट में प्रस्ताव लाएंगे। शहरी विकास और उद्योग सचिव इस संबंध में प्रस्ताव भेजेंगे। उन्होंने बताया कि मुख्य नगर अधिकारी कोटद्वार की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है। इसमें प्रदूषण बोर्ड का एक अधिकारी और शहरी विकास विभाग का एक अधिकारी शामिल होगा। ये प्रतिदिन के आधार पर इस मॉडल की निगरानी करेंगे। इस अवसर पर शहरी विकास सचिव शैलेश बगोली, शहरी विकास निदेशक विनोद कुमार सुमन व पर्यावरण बोर्ड निदेशक एसपी सुबुद्धि मौजूद थे।
डोर-टू-डो व्यवस्था पटरी पर लाना चुनौती
अब भले ही स्वच्छ शहरों की सूची में दून नगर निगम ने भले ऊंची छलांग लगाई हो, लेकिन स्वच्छता के लिए अभी काफी कुछ करना बाकी है। इस कड़ी में डोर-टू-डोर कूड़ा उठान की सुविधा को पटरी पर लाना सबसे बड़ी चुनौती माना जा रहा। मौजूदा समय में निगम की गाड़ियां वार्डों में न तो समय से कूड़ा उठाने पहुंचती हैं, न ही नियमित आती हैं। यही नहीं कूड़ा इन गाड़ियों में बिना ढके ले जाया जाता है, जबकि नियमों के मुताबिक इसे ढककर ले जाना अनिवार्य है।
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