गंगोत्री नेशनल पार्क में कितनी है स्नो लैपर्ड की संख्या, जल्द चलेगा पता; जानिए क्या है योजना
जल्द ही हिम तेंदुआ सहित अन्य वन्यजीवों की संख्या का पता लग सकेगा। इसके लिए गंगोत्री नेशनल पार्क की ओर से सिक्योर हिमालय परियोजना के तहत उच्च हिमालयी क ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। गंगोत्री नेशनल पार्क में जल्द ही हिम तेंदुआ, भूरा भालू, अरगली भेड़, लाल लोमड़ी सहित अन्य वन्यजीवों की संख्या का पता लग सकेगा। इसके लिए गंगोत्री नेशनल पार्क की ओर से सिक्योर हिमालय परियोजना के तहत उच्च हिमालयी क्षेत्र में हिम तेंदुआ सहित अन्य वन्यजीवों की गणना और जैव विविधता के आंकलन की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसको लेकर विशेषज्ञों ने गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क तथा उत्तरकाशी वन प्रभाग की टकनौर एवं गंगोत्री रेंज के 50 वन अधिकारी व कर्मचारियों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया। जैवविविधता और वन्यजीवों के आंकड़े एकत्रित कर कर्मियों को प्रतिमाह उपनिदेशक कार्यालय में भेजने होंगे, जिससे शोध कार्य एवं प्रबंधन कार्य योजना को क्रियान्वित किया जा सकेगा।
मनेरी में शुक्रवार को आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम का गंगोत्री नेशनल पार्क के उपनिदेशक रंगनाथ पांडेय ने आरंभ किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को भारतीय वन्य जीव संस्थान की ओर से हिम तेंदुआ एवं अन्य जीवों के गणना से संबंधित प्रोटोकाल की जानकारी दी गई। इसमें गणना के दौरान उपयोग किए जाने वाले उपकरण, गणना के लिए हिम तेंदुआ सहित अन्य वन्यजीवों के पैरों के निशान और मलमूत्र और अन्य अप्रत्यक्ष संकेतों के के जरिये वन्यजीवों की पहचान करना व गणना का अनुमान लगाना बताया गया।
विशेषज्ञों की ओर से बताया गया कि संबंधित विधि से शत-प्रतिशत सही अनुमान लगा पाना उचित नहीं होगा। इसलिए गणना करने के लिए अन्य विधियों को भी साथ में लागू किया जाता है। प्रशिक्षण में यह भी बताया गया कि समुदाय की भागीदारी के बिना वन एवं वन्यजीवों का संरक्षण संभव नहीं है। इसलिए समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय अधिकारी एवं कर्मचारियों को समुदाय से निरंतर संवाद स्थापित करना चाहिए।
इस दौरान उपनिदेशक रंगनाथ पांडेय ने नवनियुक्त वन आरक्षियों को गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क की भौगोलिक परिस्थितियों से परिचित कराया तथा समय पर वन्यजीवों के आंकड़े व जैवविविधता की रिपोर्ट कार्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इस अवसर पर गंगोत्री नेशनल पार्क के वन क्षेत्राधिकारी प्रताप पंवार, परियोजना सहायक भास्कर जोशी आदि मौजूद थे।
प्रतिभागियों को दिखाई भालू और हम फिल्म
प्रशिक्षण के दौरान वन्यकर्मियों को मानव वन्य जीव संघर्ष को कम करने के लिए 'भालू और हम' और गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क से संबंधित फिल्मों को दिखाया गया। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन एवं उन पर आधारित आजीविका समुदाय की निर्भरता की बारीकियों से भी अवगत कराया गया।

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