Dehradun News: सांप के काटने से मौत के मुहाने से लौटा मरीज, डाक्टर बने देवदूत
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में करैत सांप के काटने से गंभीर रूप से पीड़ित सहारनपुर के एक मरीज की जान डॉक्टरों ने बचाई। समय पर एंटी स्नेक वेनम और अन्य दवाएं देने से मरीज की हालत में सुधार हुआ। डॉक्टरों की तत्परता और सही इलाज से मरीज को नया जीवन मिला। करैत सांप का जहर तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है इसलिए तुरंत इलाज जरूरी है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। दून मेडिकल कालेज अस्पताल में करैत सांप के डसने से गंभीर हालत में पहुंचे एक 45 वर्षीय मरीज की जान डाक्टरों की तत्परता ने बचा ली। विष के असर से हालत बिगड़ने लगी थी, लेकिन सही समय पर उपचार शुरू हुआ और मरीज को जीवनदान मिला। डाक्टरों की यह टीम मरीज के लिए किसी देवदूत से कम नहीं रही।
सहारनपुर निवासी साबिर को एक जुलाई की सुबह अस्पताल लाया गया। उसकी बाएं पैर की दूसरी उंगली के नीचे करैत सांप ने डस लिया था। प्राथमिक जांच में सांप के दांतों के दो स्पष्ट निशान पाए गए। शुरुआत में मरीज सामान्य लग रहा था, लेकिन दोपहर तक उसकी स्थिति तेजी से बिगड़ने लगी। उसे पीटोसिस (पलकों का गिरना), मांसपेशियों की कमजोरी और बाहरी प्रतिक्रियाओं का अभाव जैसे लक्षण दिखने लगे।
डाक्टरों ने बिना समय गंवाए उपचार शुरू करते हुए उसे एंटी स्नेक वेनम की 30 शीशियां, साथ ही नियोस्टिग्माइन और एट्रोपीन की खुराक दी। इलाज का असर दिखा और कुछ घंटों में मरीज की स्थिति में सुधार शुरू हो गया। लगातार निगरानी और देखभाल के बाद मरीज को अब पूरी तरह ठीक है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
मरीज के इलाज में एसोसिएट प्रोफेसर डा. अरुण कुमार पांडेय, डा. प्रशांत सिंह, डा. नंदना और डा. प्रत्यक्ष की टीम शामिल रही। डाक्टरों की त्वरित प्रतिक्रिया और सही उपचार ने मरीज को जीवन के मुहाने से वापस लौटा दिया।
करैत के जहर का असर
करैत सांप का जहर अत्यंत घातक होता है। यह तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है और प्रारंभ में लक्षण हल्के लगते हैं, लेकिन कुछ घंटों में श्वसन प्रणाली और मांसपेशियां काम करना बंद कर सकती हैं। ऐसे में समय पर इलाज ही एकमात्र जीवन रक्षक उपाय होता है।
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