Uttarakhand Disaster: पहाड़ की 398 सड़कों पर हरे हैं जख्म, अधूरी मरम्मत की कसक
उत्तराखंड में आपदा से प्रभावित सड़कों की मरम्मत धीमी गति से चल रही है। राज्य में 3800 किमी सड़क पर पैचवर्क होना है लेकिन अभी तक केवल 600 किमी ही दुरुस्त हो पाई है। मुख्यमंत्री ने 31 अक्टूबर तक गड्ढा मुक्त करने का लक्ष्य रखा है पर धीमी रफ़्तार से चुनौती बनी हुई है। लोनिवि को अभी भी 3130 करोड़ रुपये की जरूरत है।

अश्वनी त्रिपाठी, जागरण देहरादून। आपदा की मार झेल चुकी पहाड़ की 398 सड़कों पर जख्म अभी भी हरे हैं। टूटी सड़कों पर बने गहरे गड्ढे ठीक तो किए जा रहे हैं, लेकिन उम्मीदें जहां तेज़ दौड़ना चाहती हैं, वहीं मरम्मत की रफ्तार अभी बेहद धीमी है।
राज्य में करीब 3800 किमी सड़क पर पैचवर्क कार्य किया जाना है, लेकिन प्रकृति के अवरोधों व कई अन्य कारणों से अब तक 600 किमी पैचवर्क ही किया जा सका है, जाे कुल पैचवर्क कार्य का लगभग 16 प्रतिशत है।
उत्तराखंड में सभी सड़कों को 31 अक्टूबर तक गड्ढा मुक्त करने का लक्ष्य मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिया है। ऐसे में बड़ा सवाल यह भी है कि अगर निर्माण कार्य की गति तेज नहीं हुई तो लोक निर्माण विभाग को समय से काम पूरा करने की चुनौती से जूझना होगा।
लोनिवि को चाहिए 3130 करोड़
आपदा में सबसे अधिक नुकसान जिन विभागों को हुआ, उनमें लोक निर्माण विभाग सबसे आगे है। लोनिवि को सड़कों को पूरी तरह गड्ढामुक्त करने के लिए 6300 करोड़ रुपये की जरूरत है। अब तक लोनिवि. को 3170 करोड़ रुपये का अनुदान मिल चुका है, जिससे मरम्मत कार्य चल रहा है। सड़कों को पूरी तरह गड्ढामुक्त करने के लिए अभी विभाग को 3130 करोड़ रुपये की जरूरत होगी।
पैचवर्क में दून अव्वल, नैनीताल सबसे पीछे
आपदा में क्षतिग्रस्त कुल 398 मार्गों पर पैचवर्क किया जाना है, इनमें सबसे अधिक 126 मार्ग देहरादून व 110 मार्ग पौड़ी जिले के हैं। पैचवर्क की प्रगति में देहरादून सबसे आगे हैं, यहां 28 प्रतिशत पैचवर्क कार्य पूरा किया जा चुका है। राष्ट्रीय राजमार्गों व नैनीताल में पैचवर्क की रफ्तार सबसे धीमी है। यहां महज छह प्रतिशत पैचवर्क कार्य किया जा सका है।
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सड़कों को गड्ढामुक्त करने का अभियान शुरू कर दिया गया है, आपदा के कारण कई जिलो में सड़को पर पैचवर्क से पूर्व कई चुनौतियों से जुझना पड़ रहा है। टीमें लगातार काम कर रही हैं, सभी सड़कों को समय से गड्ढामुक्त किया जाएगा।
- राजेश शर्मा, चीफ इंजीनियर, लोक निर्माण विभाग
सबसे बेहतर प्रदर्शन
हरिद्वार -65
चंपावत-30
ऊधम सिंह नगर-29
बागेश्वर-27
चमोली-24
सबसे खराब प्रदर्शन
नैनीताल-06
अल्मोड़ा-07
पिथौरागढ़-07
टिहरी-09
एनएच-09
नोट- (जिलो में पैचवर्क कार्य पूर्ण होने के आंकड़े प्रतिशत में हैं)
-इन प्रमुख सड़कों पर गड्ढों की भरमार
देहरादून-मसूरी
नैनीताल-हल्द्वानी
नैनीताल-कालाढूंगी
नैनीताल-भवाली
काठगोदाम-लालकुआं
नरेंद्रनगर-टिहरी
-देहरादून शहर की आंतरिक सड़कें
मसूरी-धनोल्टी
देहरादून-चकराता
रुद्रप्रयाग-गुप्तकाशी-केदारनाथ
देहरादून-ऋषिकेश
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