तय दाम के अनुसार मिलेगा ढुलान शुल्क, असमंजस में हैं कई राशन डीलर
राशन डीलरों के लिए ढुलाई शुल्क तय न होने के चलते कुछ राशन डीलर गोदाम से प्रति यूनिट पांच किलो मुफ्त चावल उठाने से बच रहे हैं।
देहरादून, जेएनएन। लॉकडाउन में जरूरतमंदों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) कार्ड धारकों को तीन महीने तक प्रति यूनिट पांच किलो चावल मुफ्त देना तय किया है। प्रदेश के गोदामों में भी यह चावल पहुंच चुके हैं। लेकिन राशन डीलरों के लिए ढुलाई शुल्क तय न होने के चलते कुछ राशन डीलर गोदाम से यह चावल उठाने से बच रहे हैं। हालांकि, पूर्ति विभाग ने व्यवस्था बनाते हुए राशन डीलरों को लिए नियमित भाड़ा देना तय किया है।
देहरादून में एनएफएसए के करीब सवा दो लाख राशन कार्ड धारक हैं, जिनमें करीब साढ़े नौ लाख यूनिट पंजीकृत हैं, जिन्हें केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ मिलने जा रहा है। आरएफसी अपने गोदामों में यह चावल पहुंचा चुका है। अब राशन डीलरों को गोदामों से उठाकर कार्ड धारकों को इसे वितरित करना है, लेकिन राशन डीलर गोदाम से राशन दुकान तक मिलने वाले ढुलान शुल्क को लेकर असमंजस में हैं।
दरअसल, नियमित राशन उठान से पूर्व राशन कार्ड डीलरों को राशन गोदाम से उठाने के लिए कमीशन और ढुलान शुल्क हटाने के बाद बचा हुआ पैसा जमा कर राशन डीलर गोदाम से राशन उठाना होता है, लेकिन केंद्र सरकार ने एनएफएसए कार्ड धारकों को तीन महीने प्रति यूनिट के हिसाब से चावल मुफ्त देना तय किया है। ऐसे में राशन डीलर को ना तो उस पर कमीशन मिलेगा ना ढुलाई का भाड़ा। अकेले देहरादून जिले में 1049 सस्ता गल्ला राशन की दुकानें हैं। ऐसे में अगर आधे राशन डीलर भी समय पर राशन का उठान नहीं करते तो जरूरतमंदों तक राहत पहुंचने में देरी होना तय है। आपूर्ति विभाग ने राशन डीलरों को नियमित ढुलान शुल्क देना तय किया है। राशन डीलरों को जिला पूर्ति विभाग में ढुलाई शुल्क का बिल जमा करना होगा।
राशन डीलरों ने की बीमा की मांग
सस्ता गल्ला विक्रेता परिषद ने राशन डीलर और अनाज के गोदामों पर काम करने वाले कर्मचारियों का बीमा करने की मांग सरकार से की है। परिषद के महासचिव राकेश महेंद्रु ने कहा कि रोजाना राशन डीलर सैकड़ों राशन कार्ड धारकों को राशन वितरित कर रहे हैं। उनमें से कोई भी संक्रमित होता है तो राशन डीलर भी संक्रमित हो सकता है। ऐसे में राशन डीलरों का स्वास्थ्य बीमा होना जरूरी है।
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गढ़वाल मंडल के आरएफसी ने बताया कि एफसीआइ से एनएफसी के लिए आया चावल उठाया जा चुका है। कुछ राशन डीलरों ने इसका उठान भी शुरू कर दिया है। इसके अलावा अप्रैल से जून का नियमित राशन पहले ही बंट चुका है। जिलापूर्ति अधिकारी जसवंत सिंह कंडारी का कहना है कि सस्ता गल्ला परिषद ने ढुलान शुल्क की मांग उठाई थी। राशन डीलरों को नियमित शुल्क अदा किया जाएगा। इसके लिए उन्हें बिल की कॉपी पूर्ति विभाग में जमा करनी होगी।
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