कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्रों में गड़बड़झाला, जांच में हुआ खुलासा
कौशल विकास पर उत्तराखंड में तस्वीर चौंकाने वाली है। युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए खोले गए कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्रों में भारी गड़बड़झाला हुआ है।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: केंद्र सरकार भले ही कौशल विकास पर जोर दे रही हो, लेकिन इसे लेकर उत्तराखंड में तस्वीर चौंकाने वाली है। युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए खोले गए कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्रों में भारी गड़बड़झाला हुआ है। इस सिलसिले में चल रही जांच-पड़ताल में ताजा मामला हरिद्वार जिले के अलीपुर इब्राहिमपुर में सामने आया है।
अभिलेखों में वहां एक फर्म द्वारा कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र संचालित है, जबकि जांच में पता चला कि गांव में कोई प्रशिक्षण केंद्र ही नहीं है। यही नहीं, कई जगह प्रशिक्षण केंद्र सबलेट भी किए गए हैं।
कौशल विकास मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के मुताबिक मामले की जांच चल रही है और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्रों को लेकर आ रही शिकायतों को देखते हुए खुद कौशल विकास मंत्री ने इसमें गड़बड़ी की आशंका जताई थी।
इसे देखते हुए इन केंद्रों की जांच-पड़ताल का निर्णय लिया गया। इसी कड़ी में उत्तराखंड कौशल विकास योजना की नोडल अधिकारी चंद्रकांता रावत की ओर से सभी जिलों के जिला कौशल विकास एवं सेवायोजन अधिकारियों को इनका निरीक्षण कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए।
इस मामले में हरिद्वार के तत्कालीन जिला कौशल विकास एवं सेवायोजन अधिकारी उत्तम कुमार की ओर से 20 जुलाई को भेजी गई रिपोर्ट में घपले की आशंका सही साबित हुई।
रिपोर्ट में उल्लेख है कि नोडल अधिकारी ने अलीपुर-इब्राहिमपुर में दर्शाये गए जी एंड जी स्किल्स डेवलपर्स प्रा.लि. नामक फर्म के कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र का निरीक्षण करने के निर्देश दिए थे। 19 जुलाई को निरीक्षण में पता चला कि गांव में इस नाम से नहीं, बल्कि कोई केंद्र संचालित ही नहीं है।
यही नहीं, केंद्र से संपर्क के मद्देनजर जिस व्यक्ति का मोबाइल नंबर दिया गया था, वह मौजूद ही नहीं है। न सिर्फ हरिद्वार बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी कौशल विकास केंद्रों में गड़बडी की बात सामने आ रही है। (निंबूचौड़) कोटद्वार समेत अन्य कई स्थानों पर ये केंद्र संबंधित फर्मों द्वारा सबलेट किए गए हैं, जबकि केंद्र उन्हीं को आवंटित किए जाने थे, जो इसे संचालित कर रहे हैं।
इस सबके चलते कौशल विकास की कसरत को बट्टा लग रहा है। आंख मूंदकर आवंटित किए केंद्र सूत्रों के मुताबिक राज्य में कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्रों के लिए 250 संस्थाओं का चयन किया गया। तब बताया गया कि इसमें 200 प्रदेश की ही हैं। अब बात सामने आ रही कि बड़ी संख्या में बाहरी प्रदेशों की संस्थाओं को इनका आवंटन किया गया है।
आखिर, अधिकारी को क्यों हटाया
हरिद्वार के अलीपुर-इब्राहिमपुर में कोई कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र न होने संबंधी रिपोर्ट भेजने वाले हरिद्वार के जिला कौशल विकास एवं सेवायोजन अधिकारी उत्तम कुमार को इस जिम्मेदारी से हटा दिया गया। ऐसे में सवाल उठ रहे कि उन्हें क्यों और किसके आदेश पर हटाया गया। सीएम के संज्ञान में लाएंगे मामला
कौशल विकास मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के अनुसार कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्रों की जांच रिपोर्ट आनी शुरू हो गई हैं, जो चौंकाने वाली हैं। जांच अभी चल रही है, इसके पूरा होने पर इसे मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया जाएगा। प्रकरण में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी।
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