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    UKSSSC Paper Leak: प्रदेशभर में भ्रमण कर फीडबैक लेगी एसआईटी, एक माह में देनी है सरकार को रिपोर्ट

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 01:01 PM (IST)

    उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में अनियमितताओं की जांच के लिए गठित एसआईटी जल्द ही पूरे प्रदेश का दौरा करेगी। हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज बीएस वर्मा की निगरानी में बनी यह एसआईटी परीक्षा की जांच और जनमानस की राय लेगी। सरकार परीक्षाओं में पारदर्शिता को प्राथमिकता दे रही है और नकल रोकने के लिए सख्त कानून लागू किए गए हैं।

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    हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज बीएस वर्मा की निगरानी में गठित एसआईटी को एक माह में देनी है सरकार को रिपोर्ट।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून।  उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा से संबंधित आरोपों और शिकायतों की जांच के लिए हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बीएस वर्मा की निगरानी में गठित एसआईटी पूरे प्रदेश का शीघ्र भ्रमण करेगी।

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    एसआईटी भर्ती परीक्षा की जांच के साथ ही वर्तमान परीक्षा को लेकर जनमानस के फीडबैक की जानकारी लेगी। एक माह में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। प्रदेश सरकार ने 21 सितंबर को स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के दौरान हरिद्वार जिले के एक परीक्षा केंद्र से प्रश्नपत्र के तीन पन्ने आउट होने के प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज की निगरानी में एसआईटी गठित की है।

    विशेष यह है कि एसआईटी का दायरा परीक्षा की शुचिता को लेकर जांच तो है ही, साथ में पूरे प्रदेश में परीक्षा को लेकर युवाओं और आम जनमानस का रुख क्या है, इसकी भी विस्तृत जानकारी ली जाएगी। इस संबंध में एसआईटी प्रदेशभर में भ्रमण करेगी।

    मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं में शुचिता और विश्वसनीयता प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसे ध्यान में रखकर ही कड़ा नकल कानून लागू किया गया। ऐसे में एक परीक्षा केंद्र में हुई घटना को आधार बनाकर पूरी परीक्षा व्यवस्था को सवालों के घेरे में नहीं लिया जा सकता।

    अन्य परीक्षा केंद्रों पर इस प्रकार की लापरवाही हुई अथवा भविष्य में इस प्रकार का अंदेशा है, इस पर भी एसआईटी निगाह रखते हुए जांच करेगी। इसके लिए व्यापक संवाद एवं फीडबैक भी प्राप्त किया जाएगा, ताकि परीक्षा की शुचिता के लिए व्यवस्था को और बेहतर बनाया जा सके।