उत्तराखंड में जल्द शुरू होने वाला है SIR, अपने गांव में वोटर बनने को प्रवासियों से संपर्क साधेगी भाजपा
उत्तराखंड में मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण के बीच, भाजपा प्रवासी उत्तराखंडियों को अपने पैतृक गांवों में वोटर बनने के लिए प्रेरित करेगी। पार्टी प्रवासिय ...और पढ़ें

सांकेतिक तस्वीर।
राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून: उत्तराखंड में मतदाता सूचियों के जल्द होने वाले विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की हलचल के बीच भाजपा देश-विदेश में निवासरत प्रवासी उत्तराखंडियों की चिंता भी कर रही है।
प्रवासी अपनी जड़ों से जुड़कर अपने पैतृक गांवों में वोटर बनें, इसके लिए उन्हें प्रेरित करने पर पार्टी ने ध्यान केंद्रित करने की ठानी है।
इसके लिए वह प्रवासियों से संपर्क साधेगी। पार्टी की इस पहल के पीछे गांवों में रिवर्स पलायन को रफ्तार देने के साथ ही निकट भविष्य में होने वाले विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन की चिंता का भी भाव समाहित है।
प्रदेश में इन दिनों प्री-एसआइआर की प्रक्रिया चल रही है। इसके तहत वर्ष 2003 की मतदाता सूची का मौजूदा सूची से मिलान चल रहा है।
ये बात भी सामने आ रही है कि 18 साल पुरानी मतदाता सूची में जिन मतदाताओं के नाम दर्ज थे, उनमें से कई देश के विभिन्न स्थानों में रह रहे हैं और वहीं वोटर भी हैं।
इस सबके दृष्टिगत राजनीतिक दलों से विधानसभा क्षेत्र और बूथ स्तर पर बीएलए की नियुक्ति करने का आग्रह किया जा रहा है, ताकि मतदाता सूची के पुनरीक्षण में वे अपनी भागीदारी कर सकें।
इस कड़ी में भाजपा ने भी अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। विधानसभा क्षेत्र स्तर पर वह अपने बीएलए-प्रथम नियुक्त कर चुकी है।
बूथ स्तर पर बीएलए-द्वितीय की नियुक्ति के लिए उसने 31 दिसंबर तक की समयावधि तय की है। इसके साथ ही पार्टी अब प्रवासी उत्तराखंडियों को भी गांव में वोटर बनकर उन्हें जड़ों से जोडऩे की कसरत में जुटी है।
भाजपा के प्रदेश महामंत्री कुंदन परिहार के अनुसार प्रवासी यदि अपने पैतृक गांव में आकर वोटर बनेंगे तो इससे रिवर्स पलायन के प्रयासों में मदद मिलेगी। प्रवासी यहां के विकास में भागीदार बनेंगे। इसलिए पार्टी चाहती है कि प्रवासी अपने गांवों की मतदाता सूची में नाम दर्ज कराएं और यहीं वोटर बनें।
उन्होंने कहा कि प्रवासियों को जड़ों से जोड़ने के दृष्टिगत कुछ संस्थाएं मेरा मत-मेरे गांव अभियान चला रही हैं। इन संस्थाओं के साथ ही प्रवासी संगठनों से संपर्क कर उनसे गांवों में ही वोटर बनने के लिए प्रेरित किया जाएगा। साथ ही इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म का उपयोग भी किया जाएगा।
विस क्षेत्रों के परिसीमन को मिलेगा बड़ा आधार
उत्तराखंड में निकट भविष्य में विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन भी होना है। जनसंख्या के आधार पर होने वाले परिसीमन में राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में विधानसभा की सीटें घटने का अंदेशा जताया जा रहा है। ऐसे में प्रवासी अपनी जनगणना गांव में कराएं, इस मुहिम को प्रवासियों के गांव में वोटर बनने से बड़ा आधार भी मिलेगा।

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