SIR Form में हो गई गड़बड़ी? वोटर लिस्ट में नाम बनाए रखने का अभी भी है मौका; यहां मिलेगा हर सवाल का जवाब
SIR in UP: मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान में यदि अभी भी किन्हीं कारणों से गणना प्रपत्र नहीं भर पाएं हैं तो भी चिंता करने की कोई ब ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान में यदि अभी भी किन्हीं कारणों से गणना प्रपत्र नहीं भर पाएं हैं तो भी चिंता करने की कोई बात नहीं है। मतदाता बने रहने के अभी भी पर्याप्त मौके हैं। 26 दिसंबर तक आनलाइन व आफलाइन दोनों माध्यमों से गणना प्रपत्र भर जा सकते हैं।
बीएलओ ने यदि आपको गणना प्रपत्र नहीं दिया तो भी आप इसे आनलाइन भर सकते हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि यदि किसी मतदाता का नाम दो जगह दर्ज है और उन्होंने दोनों ही जगह से गणना प्रपत्र भर दिया है तो अभी वापस ले सकते हैं। वापस लेने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। दो जगह से फॉर्म भरने वालों पर प्राथमिकी तक दर्ज कराई जा सकती है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा सोमवार को दैनिक जागरण के विमर्श कार्यक्रम में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए संपादकीय टीम के सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रदेश के कुल 15.44 करोड़ मतदाताओं में से 83 प्रतिशत की मैपिंग हो चुकी है। मतदाता सूची पूरी तरह से साफ सुथरी व त्रुटि रहित बनाने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। अगर किसी का नाम वर्ष 2003 की मतदाता सूची में तो हैं लेकिन 2025 की सूची में नहीं है तो उन्हें फॉर्म-6 भरना होगा। बीएलओ एसआईआर के कारण अभी फॉर्म-6 लेने से मना नहीं कर सकते हैं।
मतदाता सूची को लेकर परेशानी है तो करें 1950 पर शिकायत
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदाता सूची या फिर बीएलओ को लेकर कोई शिकायत है तो मतदाता 1950 नंबर पर फोन कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यह चुनाव आयोग का हेल्पलाइन नंबर है। इसके अलावा निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) व जिला निर्वाचन अधिकारी से भी किसी समस्या की शिकायत कर सकते हैं।
ईसीआइनेट मोबाइल एप में हैं कई उपयोगी सेवाएं
नवदीप रिणवा ने बताया कि ईसीआइनेट मोबाइल एप ऐसा प्लेटफॉर्म है जिसमें कई उपयोगी सेवाएं उपलब्ध हैं। यह एंड्रायड व एप्पल दोनों के लिए उपलब्ध है। अभी तक वोटर हेल्पलाइन, सी-विजिल, वोटर टर्नआउट, सक्षम, सुविधा 2.0 व केवाइसी एप अलग-अलग डाउनलोड करने पड़ते थे, सभी के अलग-अलग लागिन याद करना भी आसान नहीं था। अब इनके स्थान पर केवल एक एप ईसीआइनेट डाउनलोड कर सकते हैं। इसके जरिए मतदाता पंजीकरण, पोलिंग स्टेशन की लाेकेशन, मतदान डाटा, रुझान व मतदाता सूची से संबंधित जानकारी ले सकते हैं। इसे उपयोगकर्ताओं के लिए सरल और आसान बनाया गया है।
हिंदी में भी उपलब्ध कराएंगे स्थानांतरित, मृतक, अनुपस्थित मतदाताओं की सूची
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि अभी अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृतक व डुप्लीकेट मतदाताओं की सूची अंग्रेजी में ही उपलब्ध है। राजनीतिक दलों ने हिंदी में इसे उपलब्ध कराने की मांग की है। भारत निर्वाचन आयोग से हिंदी में सूची उपलब्ध कराने के लिए निवेदन किया गया है। शीघ्र ही राजनीतिक दलों के बीएलए को हिंदी में सूची उपलब्ध करा दी जाएगी। मतदाताओं का पता, मोबाइल नंबर आदि जानकारी निजी होने के कारण सूची में नहीं होती है।
प्रश्न : मतदाता का इपिक नंबर डालकर आनलाइन मतदाता सूची में जब खोजते हैं तो दूसरे राज्यों की सूचनाएं भी खुल जाती है? सही सूचना कैसे मिल सकती है?
उत्तर : आप इपिक नंबर डाल कर अपना राज्य चयनित करें। इसके साथ ही यदि जिला चयनित कर लेंगे तो खोजना और आसान हो जाएगा। जब राज्य चयनित नहीं करें तो पूरे देश का उससे जुड़ा डाटा सामने आ जाएगा। आनलाइन जब कोई मतदाता फॉर्म-6 भरते हैं तो आधार में दर्ज उसके नाम पूरी तरह मैच करना चाहिए। यदि आधार में नाम में गड़बड़ी है तो पहले उसे ठीक कराकर ही मतदाता बनने के लिए आनलाइन आवेदन करें। आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर ही ओटीपी जाता है।
प्रश्न: वर्ष 2003 के बाद जो महिलाएं शादी के बाद ससुराल आईं, उनकी मैपिंग उनके माता पिता की वोटर लिस्ट से हो रही। इसको लेकर दिक्कत आ रही ?
उत्तर : इनके लिए नियम तो वही रहेगा। यानी उन्हें अपने माता-पिता या बाबा-दादी के मतदाता सूची से ही जोड़ना होगा। पूरे देश की मतदाता सूची आनलाइन मुख्य निर्वाचन अधिकारी या भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। इसके जरिए आसानी से खोजा जा सकता है। 26 दिसंबर तक गणना प्रपत्र भर सकते हैं।
प्रश्न : कई जगह मतदाता सूची बदल गई है ? कैसे ठीक होगी।
उत्तर : जी, कई जगह गलती से ड्राफ्ट मतदाता सूची बीएलओ एप पर अपलोड कर दी गई, जब इसकी जानकारी हुई तो उसे सुधारा गया। ड्राफ्ट मतदाता सूची के स्थान पर अंतिम मतदाता सूची अपलोड की गई। अब सारी त्रुटियां सही हो गई हैं।
प्रश्न : जिनका नाम 2003 की मतदाता सूची में नहीं हैं और वो मतदाता बनना चाहते हैं, लेकिन बीएलओ दो माह बाद के लिए बता रहे हैं ?
उत्तर : एक जनवरी 2026 को 18 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले युवाओं को मतदाता बनाने के लिए फॉर्म-6 भरवा रहे हैं। हमारा जोर अधिक से अधिक फॉर्म-6 भरवाने पर है। फॉर्म में आवश्यक प्रपत्र लगाने होते हैं। मतदाता बनने के लिए युवा आनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं।
प्रश्न : आनलाइन फॉर्म भरने में दिक्कत आ रही है, आखिर 2003 की मतदाता सूची का ही आधार क्यों लिया गया ?
उत्तर : मतदाता सूची का हर वर्ष संक्षिप्त पुनरीक्षण होता है जबकि इस बार विशेष गहन पुनरीक्षण हो रहा है। इससे पहले प्रदेश में वर्ष 2003 में एसआईआर हुई थी, इसलिए उससे मतदाताओं का मिलान किया जा रहा है। 2003 की मतदाता सूची वेबसाइट में उपलब्ध है, उसमें नाम खोजने के लिए सर्च इंजन काम करने लगा है।
प्रश्न : अधिकांश मतदाता बीएलओ तक नहीं पहुंच पाए ? अब क्या तरीका है जिससे फॉर्म भर सकें ।
उत्तर :अभी आनलाइन फॉर्म भर सकते हैं। हेल्पलाइन नंबर पर भी इसके लिए संपर्क किया जा सकते हैं। खास बात ये है कि ईसीआइनेट एप के माध्यम से नया फॉर्म भर सकते हैं, इस पर चुनाव संबंधी पूरी जानकारी आपको मिलेगी।
प्रश्न : 2003 की मतदाता सूची में यदि चार लोगों के नाम थे और अब तीन कट गए ? अब क्या किया जाए
उत्तर : हो सकता है कि किसी ने फॉर्म-7 भरकर आपके परिवार का नाम कटवा दिया हो। ऐसे मतदाता जिनका नाम 2025 की मतदाता सूची में नहीं है वो फॉर्म-6 भर कर मतदाता बन सकते हैं।
प्रश्न : एसआईआर में कितने प्रतिशत रिकार्ड सही होने की उम्मीद है?
उत्तर : प्रदेश में 15.44 करोड़ मतदाताओं में 2.95 करोड़ मतदाता अनुपस्थित, स्थानांतरित व मृतक व डुप्लीकेट हैं। इनके सत्यापन के लिए ही भारत निर्वाचन आयोग से 15 दिन का समय बढ़वाया गया है। राजनीतिक दलों के 5.27 लाख बीएलए नियुक्त हैं। इनकी मदद से इनका सत्यापन कराया जा रहा है। हमारी कोशिश है कि मतदाता सूची में सुधार हो सके। इसके लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपना सहयोग भी प्रदान किया है।
प्रश्न : ऐसा कहा गया था कि एसआईआर में बीएलओ घर घर जाएंगे, लेकिन काफी जगह नहीं पहुंच पाए ?
उत्तर : ऐसा केवल शहरी इलाकों के कुछ क्षेत्रों में हुआ है। ग्रामीण इलाकों में आसानी से बीएलओ हर घर तक पहुंचे हैं। शहरों में इस कार्य में नगर निगम कर्मियों, सफाई कर्मियों व टैक्स से जुड़े लोगों को भी लगाया गया है ताकि घर आसानी से ढूढ़ा जा सके।
प्रश्न : लखनऊ में 40 लाख में से 10 लाख वोटर कम हो गए। करीब 25 से 30 प्रतिशत की गिरावट पर राजनीतिक दल कैसे संतुष्ट हो पाएंगे?
उत्तर : एसआईआर में राजनीतिक दलों के 5.27 लाख से ज्यादा बीएलओ लगे हैं। यदि किसी ने भी गलत काम किया तो वह छुप नहीं पाएगा और सबके सामने आ जाएगा। इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि 26 तक एक बार फिर मतदाताओं का सत्यापन करा लें।
प्रश्न : एक गांव में भरे हुए फॉर्म गलत जगह पहुंच गए और उन्होंने फेंक दिए तो दोबारा फॉर्म कहां से मिल सकते हैं ?
उत्तर : बिल्कुल, फॉर्म मिल सकते हैं। अगर वो मतदाता हैं तो 26 तक फॉर्म अपने बीएलओ से ले सकते हैं। ईआरओ व डीएम को इसके स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।
प्रश्न : एसआईआर में राजनीतिक दलों से आपने सहयोग मांगा था, कितना मिला ?
उत्तर : सभी राजनीतिक दलों ने गंभीरता दिखाई। भाजपा के 1.60 लाख, सपा के 1.48 लाख, बसपा के 1.41 लाख व कांग्रेस के 76 हजार बीएलए बनाए हैं। सभी बीएलओ का एसआईआर में सहयोग कर रहे हैं।
प्रश्न : देश में संदिग्ध बांग्लादेशियों का मामला चल रहा है। लखनऊ में तमाम संदिग्ध बांगलादेशी हैं। इनके माता-पिता का नाम 2003 की मतदाता सूची में भी है। इनको कैसे चिह्नित करेंगे?
उत्तर : बांग्लादेशियों को चिह्नित करने का काम आयोग का नहीं है। भारत निर्वाचन आयोग से जो निर्देश दिए गए हैं उसके हिसाब से एसआईआर कराया जा रहा। जिनके पास भी देश के नागरिक होने का प्रमाण है वह मतदाता सूची में शामिल हैं। एसआईआर की प्रक्रिया इस तरह से बनाई गई है ताकि फर्जी लोग मतदाता सूची से बाहर हो जाएं।
प्रश्न: मतदाताओं द्वारा वर्ष 2003 की मतदाता सूची में अपने नाम या स्वजन के नाम संबंधी विवरण गणना प्रपत्र में भरकर दिए जाने के बाद भी बहुत से बीएलओ ने उनको श्रेणी तृतीय में डाल दिया है, इसमें क्या कर सकते हैं?
उत्तर: शुरुआत में इस तरह के मामले सामने आए थे। हम अब पूरा डिजिटाइजेशन करा रहे हैं। जहां ऐसे मामले आए हैं, वहां बीएलओ को उनको दोबारा सही श्रेणी में सबमिट कराने के निर्देश और सुविधा दी गई है।
प्रश्न: दूसरे राज्य में या दूसरे देश में रह रहे मतदाताओं के गणना प्रपत्र क्या उनके स्वजन द्वारा भरे जा सकते हैं? ऐसे ही एक मामले में हाल ही में प्राथमिकी दर्ज हुई है।
उत्तर: विदेश में नौकरी या शिक्षा के लिए जाने वालों के लिए फॉर्म 6-ए भरकर प्रवासी मतदाता बनने की सुविधा है। अभी प्रदेश में 1533 मतदाता इस श्रेणी में दर्ज हैं। इस तरह के मतदाता उसी पते पर पंजीकृत होते हैं जो उनके पासपोर्ट में दर्ज होता है। जो भारतीय विदेश में रह रहे हैं और उन्होंने वहां की नागरिकता नहीं ली है तो यहां प्रवासी मतदाता के रूप में अपना नाम दर्ज करा सकते हैं। जहां तक रही दूसरे शहर या राज्य में रहने वालों के फॉर्म उनके स्वजन द्वारा भरकर हस्ताक्षर किया जा सकता है।

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