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गायक मोहित चौहान द्विअर्थी गीतों को नहीं करते पसंद, बनाना पड़ता है बहाना

युवा दिलों की धड़कन गायक मोहित चौहान द्विअर्थी गीतों को बिल्कुल पसंद नहीं करते हैं। उन्हें ऐसे गीतों को ना गाने के लिए फिल्म निर्देशकों और संगीतकारों से बहाना बनाना पड़ता है।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 04 Apr 2019 10:04 AM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2019 08:47 AM (IST)
गायक मोहित चौहान द्विअर्थी गीतों को नहीं करते पसंद, बनाना पड़ता है बहाना
गायक मोहित चौहान द्विअर्थी गीतों को नहीं करते पसंद, बनाना पड़ता है बहाना

देहरादून, जेएनएन। युवा दिलों की धड़कन गायक मोहित चौहान मशहूर गीतकार जावेद अख्तर की उस बात से पूरी तरह इत्तेफाक रखते हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि आजकल के गीतों में बिल्कुल भी गहराई नहीं होती है। द्विअर्थी गीतों को वे भी बिल्कुल पसंद नहीं करते हैं। 

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उन्होंने बताया कि कई बार तो उन्हें द्विअर्थी गीतों को ना गाने के लिए फिल्म निर्देशकों और संगीतकारों से बहाना तक बनाना पड़ता है। वह कहते हैं कि-मैं सिर्फ वहीं गीत गाता हूं, जो पसंद करता हूं।

देहरादून में एक निजी कार्यक्रम में पहुंचे गायक मोहित चौहान ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 'डूबा-डूबा रहता हूं' ने जहां मुझे पहचान दिलाई, वहीं 'मशककली' और 'जो भी मैं कहना चाहूं' ने मुझे लोकप्रियता दिलाई। इन दोनों गानों के लिए मुझे फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला। मोहित बताते हैं कि जब भी मैं कोई गाना गाता हूं, तो प्रयास रहता है कि कुछ ऐसा करूं कि गाना हर जुंबा पर चढ़ जाए।

पहाड़ों से है खास लगाव

मोहित हिमाचल प्रदेश के नाहन, सिरमौर के रहने वाले हैं। मोहित कहते हैं कि पहाड़ों से खास लगाव है। हिमालय में अध्यात्म, प्रकृति और खूबसूरती का खजाना है। पहाड़ों ने ही मुझे संगीत दिया है।

देहरादून में है ससुराल

मोहित उत्साहित होते हुए बताते हैं कि मेरी पत्नी प्रार्थना दून से ही हैं। इस तरह से हिमाचल जहां मेरा घर है और देहरादून मेरा सुसराल। मेरी पत्नी गीत लिखती हैं। उसके कई गीतों को मैने आवाज दी है। यहां आकर मैं हमेशा ही ऊर्जावान महसूस करता हूं।

मोहित चौहान के सुरों ने जश्न-ए-दून में भरा रंग

दून ग्रुप ऑफ  कालेज के वार्षिक उत्सव 'जश्न ए दून' का भव्य रूप में आयोजन किया गया। युवाओं में ऊर्जा का संचार करने के लिए बालीवुड गायक मोहित चौहान दून के हजारों छात्र-छात्राओं से रूबरू हुए और अपनी मखमली दिलकश आवाज का जादू बिखेरा। 

देर रात तक चली इस संगीतमय एवं हास्य कलाकारों से सजी महफिल में हिन्दी सिनेमा के प्रसिद्ध फिल्मी गीतों की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां शामिल रहीं। अपने सबसे हिट फिल्म दिल्ली-6 के गीत मसकली-मसकली की शानदार प्रस्तुति से मोहित चौहान ने छात्र-छात्राओं को खुब झुमाया। बालीवुड में अपने गाए हिन्दी हिट गीतों की क्रमवार गायकी से मोहित ने कार्यक्रम में चार चांद लगाए। 

मशहूर लाफ्टर चैंपियन प्रताप फौजदार ने अपनी हास्य फूलझडिय़ों से युवाओं को खूब गुदगुदाया। फौजदार ने देश के वर्तमान राजनैतिक परिदृश्य और आम आदमी की दैनिक दिनचर्या में नजर आने वाले हास्य को अपने अनुठे अंदाज में पेश किया। 

ठाकुरपुर प्रेमनगर स्थित दून ग्रुप के स्कूल दून वैली इंटरनेशनल स्कूल के खेल मैदान की शाम मोहित चौहान व लाफ्टर चैंपियन प्रताप फौजदार के नाम रही। कार्यक्रम का उद्घाटन दून ग्रुप ऑफ  कालेज के संस्थापक चैयरमैन चौधरी दरियाव सिंह ने किया। 

उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम से छात्र-छात्राओं में नई ऊर्जा का संचार होता है। ग्रुप के निदेशक संजय चौधरी ने विद्यार्थियों से कार्यक्रम के उपरांत नए सत्र की शुरूआत से ही अध्ययन में जुट जाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मनोरंजन की सार्थकता को सिद्ध करने के लिए अपने पाठ्यक्रमों में  ऊंचा स्थान प्राप्त करें, ताकि संस्थान और अपने परिजनों का नाम रोशन हो।

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