Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बालीवुड गायक जुबिन नौटियाल बोले- 'इस पहाड़ के लिए कुछ भी करूं कम है, ये मेरी मातृभूमि है'

    Updated: Thu, 06 Nov 2025 06:25 PM (IST)

    गायक जुबिन नौटियाल ने पहाड़ी क्षेत्रों की प्रतिभाओं को निखारने और उन्हें बेहतर मंच प्रदान करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में छिपी प्रतिभा को सही मार्गदर्शन और अवसर मिलने पर वे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना सकते हैं। उनका लक्ष्य है कि इन प्रतिभाओं को ऐसा मंच मिले जहां वे अपनी कला का प्रदर्शन कर सकें।

    Hero Image

    राजपुर रोड स्थित भगवतंपुर स्थित वैभव फार्म में टीम के साथ मौजूद गायक जुबिन नौटियाल।

    जागरण संवाददाता, देहरादून : बालीवुड गायक जुबिन नौटियाल ने कहा कि इस पहाड़ के लिए कुछ भी करूं कम है। ये मेरी मातृभूमि है, मेरे संगीत की जड़ें यहीं से निकली हैं। अब पहाड़ की प्रतिभा को पहाड़ों में ही पंख मिलेंगे। राज्य में प्रतिभाओं की कमी नहीं है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अगर, कमी है तो उन्हें सही मौका और मंच देने की। लेकिन, अब प्रदेश की प्रतिभाओं को अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। गढ़वाली, कुमाऊनी व जौनसारी बोलियों के गीतों और संगीत को उचित मंच देने का कार्य होगा।

    राजपुर रोड स्थित पुरकल में हिमालयन प्लस के कार्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान जुबिन नौटियाल ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि पहाड़ की प्रतिभाओं को तराशने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए करीब एक साल पहले हिमायलन प्लस (म्यूजिकल लेबल) यूट्यूब चैनल शुरू किया।

    अब इस पर शुक्रवार को गढ़वाली गीत ‘मैं सची बोनू छौं’ रिलीज होगा। गुरुवार को इसका पोस्टर लांच किया गया। गढ़वाली गीत में उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक गायक सौरव मैठाणी की मधुर आवाज लोगों को एक बार फिर सुनने को मिलेगी।

    अभिनेता संजय सिलोड़ी और अभिनेत्री रुचि रावत ने गीत पर शानदार अभिनय किया है। निर्देशक सोहन चौहान, कोरियोग्राफर सतीश ओलीवेर, संगीत महेंद्र सिंह खत्री व गीतकार आशीष नेगी आदि अन्य कलाकारों ने गीत निर्माण में अहम भूमिका निभाई।

    भाजपा नेता और जुबिन के पिता रामशरण नौटियाल ने कहा कि उत्तराखंड ने जुबिन को बहुत कुछ दिया है, अब जुबिन की बारी है कि वो उत्तराखंड के कलाकारों को मंच देकर यहां की लोक संस्कृति और बोली भाषा को विश्व पटल पर पहुंचाने का काम करें।

    यह भी पढ़ें- Rajat Jayanti Uttarakhand: निनाद में विभिन्न राज्यों की लोक संस्कृति का दिखा संगम

    यह भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन और कर्नल सोफिया उत्तराखंड की रजत जयंती पर छात्रों को देंगी प्रेरक संदेश