सिडको घोटाला में देहरादून पुलिस ने खाते सीज किए, 1300 बेरोजगारों के साथ हुई ठगी के बाद सीएम ने दिए थे आदेश
मुख्यमंत्री के निर्देश पर सिडको नामक संस्था के विरुद्ध पुलिस ने ठगी के आरोप में कार्रवाई की है। संस्था सरकारी योजनाओं के प्रचार के नाम पर युवाओं से पैसे लेती थी। जांच में बैंक खातों में अनियमितताएं पाई गईं जिसके बाद संस्था के अध्यक्ष सहित चार लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया और खाते सीज कर दिए गए।

जागरण संवाददाता, देहरादून। सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के नाम पर युवक-युवतियों से लाखों रुपये की ठगी करने वाले लघु उद्योग विकास परिषद ( सिडको ) संस्था के विरुद्ध मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंभीरता से कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री ने एसएसपी देहरादून अजय सिंह को निर्देशित किया है कि पूरे मामले की जांच करवाएं और ठगी में शामिल आरोपितों को सलाखों के पीछे पहुंचाएं।
सिडको की ओर से की गई ठगी के संबंध में कुछ पीड़ितों ने एसएसपी से शिकायत की थी। एसएसपी ने इस मामले में जांच बाइपास चौकी प्रभारी प्रवीण पुंडीर से करवाई। जांच में पाया गया कि परिषद का कार्यालय अजबपुर कला में है।
परिषद ने 21 अप्रैल 2023 को बिहार राज्य के पटना शहर से अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है। परिषद के पदाधिकारियों ने अब तक उत्तराखंड में लगभग 1300 से अधिक लोगों को संस्था के अंतर्गत जोड़ा है, जिनसे सदस्य बनने के लिए परिषद की ओर से प्रति सदस्य 6100 रुपये ली जाती है। सदस्य बनने के बाद प्रत्येक सदस्य को उनकी ओर से नियुक्त पंचायत शिक्षिका की ओर से शिक्षित एवं स्वावलंबी बनाने व विभिन्न सरकारी योजनाओं को जनहित में प्रचार प्रसार किए जाने के लिए प्रशिक्षण व जानकारी उपलब्ध कराई जाती है।
सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के नाम पर युवक-युवतियों से लिया जा रहा था शुल्क
प्रोजेक्ट मैनेजर की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार पंचायत शिक्षिका की ओर से सदस्यों को किस प्रकार का प्रशिक्षण व किस विषय में जागरूक किया जाता है, इसके संबंध में कोई भी जानकारी प्रोजेक्ट मैनेजर को उपलब्ध नहीं है ना ही परिषद की पूर्ण कार्यप्रणाली के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध है। पुलिस जांच में परिषद के बैंक खातों की जानकारी भी प्राप्त की की गई तो लेनदेन में अनियमितताएं पाई गई।
परिषद की ओर से सदस्य जोड़ने के लिए उनसे धनराशि ली जा रही है, जोकि संदेहजनक प्रतीत होता है, क्योंकि कोई भी सरकारी नीति को लागू करने के संबंध में तथा सरकारी नीति को आम जनमानस के बीच जागरूकता व प्रचारित प्रसारित करने के लिए किसी भी धनराशि को शुल्क के रूप में लिए जाने का प्राविधान अब तक भारत सरकार व उत्तराखंड सरकार की ओर से जारी नहीं किया गया है। परिषद के खाते खंगालने पर उसमें दो करोड़ रुपये से अधिक धनराशि जमा पाई गई है।
परिषद के अध्यक्ष सुगंध कुमार, कोषाध्यक्ष अभिषेक कुमार व सचिव अभय कुमार परिषद की कार्यप्रणाली के बारे में कोई स्पष्ट जवाब नहतीं दे पाए। इस मामले में सिडको संस्था के अध्यक्ष सुगंध कुमार, अभिषेक कुमार कोषाध्यक्ष, सचिव अभय कुमार व मैनेजर प्रदीप सिंह के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया।
पुलिस ने सिडको कंपनी के सभी खातों के साथ-साथ कंपनी के खातों किया फ्रीज
विवेचना में पुलिस ने दस्तावेज व उपकरणों को कब्जे में लिया है। साथ ही कंपनी के सभी खातों के साथ-साथ कंपनी के सभी खातों को भी सीज कराया गया है। इसके अलावा कंपनी के खाते से जिनमें अधिकतर धनराशि का लेनदेन हुआ है, उन्हें भी फ्रीज करने की कार्यवाही की जा रही है। अब तक कि विवेचना में सिडको एनजीओ के बिहार निवासी तीन लोगों के नाम पर पटना में रजिस्टर्ड होने की जानकारी मिली है।
यह भी पता लगा है कि कंपनी की ओर से उससे जुड़ने वाले प्रत्येक सदस्य व कंपनी से जुड़वाने पर प्रति सदस्य 400 दिया जाता है। जबकि कंपनी के बायलाज में काम करने अथवा प्रशिक्षण देने के एवज में किसी धनराशि का भुगतान किये जाने का कोई उल्लेख नहीं किया गया है।
मुख्यमंत्री के आदेश पर प्रकरण की गंभीरता से जांच करवाई जा रही है। परिषद ने बिहार राज्य के पटना शहर से अपना रजिस्ट्रेशन करवाया, ऐसे में एक टीम वहां भी जांच के लिए भेजी गई है। इस मामले में चार आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। - अजय सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक
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