रुद्रप्रयाग के दारोगा को विवेचना में मिला गृह मंत्री पदक, जानिए
गृह मंत्रालय ने ब्लाइंड मर्डर के खुलासे में पुलिस को नजीर पेश करने वाले दारोगा जहांगीर अली का नाम बेस्ट इंवेस्टीगेशन अफसर का अवॉर्ड के लिए घोषित किया है।
देहरादून, जेएनएन। ब्लाइंड मर्डर के खुलासे में पुलिस को नजीर पेश करने वाले दारोगा जहांगीर अली का नाम गृह मंत्रालय ने बेस्ट इंवेस्टीगेशन अफसर का अवॉर्ड के लिए घोषित किया है। यह अवॉर्ड जहांगीर को 15 अगस्त को मिलेगा। ठेठ पहाड़ी गांव में संसाधनहीन पुलिस के लिए जहांगीर का यह काम सीना चौड़ा करने वाला है। डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी, डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने जहांगीर अली को बधाई दी है।
अपराध को अंजाम देने में अपराधी कितना भी शातिर तरीका क्यों न अपनाए, कानून की पकड़ से बच नहीं सकता। कुछ ऐसा ही कर दिखाया रुदप्रयाग के जखोली चौकी इंचार्ज जहांगीर अली ने। जहांगीर ने सात अप्रैल 2017 में राजस्व क्षेत्र के कोटबागर में सरोजनी (44) हत्याकांड के खुलासे में जिस तरह से अपने दिमाग का इस्तेमाल किया है, उसकी पुलिस के बड़े अफसर भी तारीफ करते हैं।
रुद्रप्रयाग के एसपी अजय सिंह ने बताया कि जहांगीर ने सरोजनी हत्याकांड का जिस तरह से गांव की छोटी सी दुकान, बाइक, हेलमेट पहनने, रिश्तेदारी, छदंम दुर्घटना जैसे कई लिंक जोड़कर खुलासा किया है। यही नहीं एक माह पुराने मोबाइल कॉल डिटेल और दूसरे मजबूत सबूत भी केस में शामिल किए। हत्याकांड में एक भी गवाह न होने के बावजूद वैज्ञानिक और तकनीकी सबूत के आधार पर जहांगीर ने महज डेढ़ माह के भीतर मुकदमे में चार्जशीट भी लगा दी थी।
इस मामले की संवेदनशीलता यह रही कि कोर्ट ने भी महज 20 माह यानि चार दिसंबर 2018 को इस मुकदमे को विरल से विरलतम श्रेणी का मानते हुए हत्यारे मुकेश थपलियाल, सत्येश कुमार उर्फ सोनू को फासी की सजा सुनाई है। जबकि लूट का सामान खरीदने वाले सुनारों अवधेश शाह एवं राजेश रस्तोगी को तीन वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। गृह मंत्रालय ने जहांगीर अली की विवेचना को पुलिस विभाग के लिए नजीर बताते हुए दूसरे विवेचकों को इससे सीख लेने की जरूरत बताई। इस पर गृह मंत्रालय ने जहांगीर को देश के अन्य विवेचकों में बेस्ट इंवेस्टीगेशन अफसर चुनते हुए गृह मंत्री के अवॉर्ड की घोषणा की है।
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