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केआरसी से निकले 176 जांबाज, बने भारतीय सेना के अंग

भारतीय सेना की कुमाऊं व नागा रेजिमेंट के गौरवशाली इतिहास में एक और अध्याय जुड़ा। नौ माह का कठिन प्रशिक्षण पूर्ण कर रिमझिम वर्षा के बीच 176 नए जांबाज भारतीय सेना का अभिन्न अंग बने।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 07:33 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 07:33 PM (IST)
केआरसी से निकले 176 जांबाज, बने भारतीय सेना के अंग
केआरसी से निकले 176 जांबाज, बने भारतीय सेना के अंग

रानीखेत, जेएनएन : भारतीय सेना की कुमाऊं व नागा रेजिमेंट के गौरवशाली इतिहास में एक और अध्याय जुड़ा। नौ माह का कठिन प्रशिक्षण पूर्ण कर रिमझिम वर्षा के बीच 176 नए जांबाज भारतीय सेना का अभिन्न अंग बने। कुमाऊं रेजिमेंट मुख्यालय स्थित ऐतिहासिक सोमनाथ मैदान परिसर के इंडोर हॉल में इन नव सैनिकों ने भारत भूमि की आन, बान व शान की रक्षा की शपथ ली। तो जरूरत पडऩे पर सर्वस्व बलिदान करने की कसम भी उठाई। मुख्य अतिथि केआरसी कमांडेंट ब्रिगेडियर जीवन सिंह राठौड़ ने युवा जोश की सलामी ली। रेजिमेंट एवं देश का गौरव बरकरार रखने का आह्वान किया। कहा कि सैनिक बन देशसेवा करना बड़े सौभाग्य की बात है। केआरसी के गौरवमयी इतिहास की श्रंखला में शनिवार को एक और अध्याय जुड़ा। 34 माह के कठिन प्रशिक्षण से तप कर निकले 176 युवा सैनिक भारतीय सेना का हिस्सा बने। केआरसी के धर्मगुरुओं सूबेदार दिनेश चंद्र जोशी, नायब सूबेदार अभिनय कुमार मिश्रा व नायब सूबेदार वेदप्रकाश शर्मा ने गीता को साक्षी मान उन्हें कर्तव्य, निष्ठा व देशसेवा की शपथ दिलाई। मातृभूमि की आन, बान व शान की रक्षा तथा देश के लिए प्राणों की बाजी लगाने की कसम मेजर मनेंद्र यादव ने दिलाई।

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देश को सपूत देने वाले परिवारों को सेल्यूट : ब्रिगेडियर राठौड़

केआरसी कमांडेंट ब्रिगेडियर गोविंद सिंह राठौड़ ने नवसैनिकों को कर्तव्य व निष्ठा का पाठ पढ़ाते हुए देशभक्ति का जज्बा दिया, नई ऊर्जा व जोश भी भरा। कहा कि सैनिक बनने का सौभाग्य सभी को नहीं मिलता। सेना का जीवन कठिन तप व समर्पण है। इसकी दूसरी मिसाल नहीं। केआरसी का गौरवशाली इतिहास रहा है। हमने हमेशा जीत हासिल की है। कई अधिकारियों व जवानों ने देश के लिए बलिदान दिया है। नवसैनिक कड़ी लगन के साथ भारत भूमि व रेजिमेंट का सिर ऊंचा रखें। उन वीर परिवारों को सेल्यूट जिन्होंने मां भारती की सुरक्षा व सेवा के लिए अपने सपूत सेना को दिए हैं।

माता पिता को गौरव सेनानी पदक

कमांडेंट ब्रिगेडियर ने केआरसी की सैन्य परंपरा के मुताबिक नवसैनिकों के माता पिता को गौरव सेनानी मेडल प्रदान किए। वहीं प्रशिक्षण अवधि में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले रिक्रूट्स को पदक लगाए।राष्ट्रीय ध्वजवाहक सूबेदार सुंदर सिंह व केआरसी के ध्वज निशान का नेतृत्व सूबेदार नरेंद्र सिह ने किया। संचालन नायब सूबेदार नरेंद्र सिंह व शिक्षिका जवाहर नवोदय विद्यालय ताड़ीखेत की रश्मि पांडे ने संयुक्त रूप से किया।डिप्टी कमांडेंट निखिल श्रीवास्तव, टे्रनिंग बटालियन कमांडर कर्नल नीरज सूद (शौर्य चक्र), जीएसओ-वन लेफ्टिनेंट कर्नल संदीप शील, सेंटर एसएम राजेंद्र सिंह जलाल, सूबेदार पूरन चंद्रा आदि कई अधिकारी व जवान मौजूद रहे।

ये रहे सर्वश्रेष्ठ रिक्रूट्स

= बेस्ट इन रिटन : सिपाही नरेंदर सामंत

= ओवर ऑल बेस्ट  : सिपाही उमेश सिंह

= बेस्ट इन ड्रिल : सिपाही नरेंद्र सिंह नेगी

= बेस्ट इन फायरिंग : सिपाही हिमांशु सिंह कुंवर

= बेस्ट इन टीएसओइटी : सिपाही धर्मेद्र सिंह

= बेस्ट इन बीपीएटी : सिपाही नीरज सिंह नागडाली 

सर्वाधिक 201 जांबाज उत्तराखंड से

भारतीय सेना को मिले 176 नए जांबाजों में उत्तराखंड ने भारतीय सेना को सबसे ज्यादा 99 सैनिक दिए। इसके अलावा राजस्थान से 81,  उत्तर प्रदेश 27, हरियाणा 08, महाराष्ट्र व दिल्ली 02-02 तथा नागालैंड, उड़ीसा, बिहार, मध्य प्रदेश व कर्नाटक से एक-एक नवसैनिक भारतीय फौज का अभिन्न अंग बने।

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