आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर बोले, गंगा से मेरा गहरा नाता
आर्ट ऑफ लिविंग के प्रेरणता व आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर ने गंगा का स्वच्छ व निर्मल बनाए रखने के लिए प्रत्येक व्यक्ति से सहयोग करने की अपील की।
ऋषिकेश, जेएनएन। आर्ट ऑफ लिविंग के प्रेरणता व आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर ने मंगलवार को स्वर्गाश्रम स्थित वेद निकेतन में अनुयायियों को प्रवचन दिए। इस अवसर पर उन्होंने गंगा का स्वच्छ व निर्मल बनाए रखने के लिए प्रत्येक व्यक्ति से सहयोग करने की अपील की।
मंगलवार को वेद निकेतन में आगमन पर विजयानंद सरस्वती ने श्रीश्री रविशंकर का शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया। अनुयायियों के बीच अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि मेरा बचपन गंगा तट पर बीता और गंगा मां से मेरा गहरा नाता है। मैं बार-बार गंगा मां की गोद में बैठ कर उनका सान्निध्य पाकर भाव विभोर हो जाता हूं। उन्होंने कहा कि मैं कहीं भी रहूं देश अथवा विदेश में, गंगा हमेशा मेरे अंतर्मन में रहती है और जब भी समय मिलता है मैं गंगा मां के पास आ जाता हूं।
उन्होंने कहा हम सभी को गंगा की पवित्रता का ख्याल रखने में सहयोग करना चाहिए। क्योंकि गंगा एक नदी ही नहीं हम सब की आस्था का प्रतीक है। ऋषियों की धरती ऋषिकेश विश्व में अपना अलग स्थान रखती है। अध्यात्म, योग, और गंगा मां के कारण ऋषि मुनियों ने तपस्थली-शरण स्थली के रूप में यहां का चुनाव किया।
इस अवसर पर यमकेश्वर विधायक रितु खंडूरी, आशुतोष शर्मा, इंद्र प्रकाश अग्रवाल, डॉ नारायण रावत, नगर पंचायत अध्यक्ष माधव अग्रवाल, भरत लाल, डॉ. वीरेंद्र ङ्क्षसह, सुभाष शर्मा, संतोष सिंह, दिनेश अग्रवाल, शैलेश अग्रवाल, जगदीश, अशोक अग्रवाल, राजीव गुप्ता, भानु मित्र शर्मा, नवीन राणा, जितेंद्र धाकड़, सचिन चोपड़ा आदि उपस्थित थे।
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