Shardiya Navratri 2022: ऋषिकेश से 25 किमी की दूरी पर है देवी मंदिर, मान्यता है दर्शन से पूरी होती मनोकामनाएं
Shardiya Navratri 2022 उत्तराखंड के टिहरी जिले के हिडोलाखाल के पास जंगल के बीच स्थिति है सिद्धपीठ कुंजापुरी मंदिर। इस जगह पर देवी सती के बाल गिरे थे। इसलिए इसका नाम कुंजापुरी पड़ा। यह स्थान ऋषिकेश से 25 किमी दूरी पर है।
जागरण संवाददात, देहरादून। Shardiya Navratri 2022: ऋषिकेश-गंगोत्री नेशनल हाईवे पर टिहरी जनपद के हिडोलाखाल कस्बे के पास घने जंगल के बीच सिद्धपीठ कुंजापुरी स्थिति है। यह स्थान ऋषिकेश से 25 किलोमीटर दूर है। जबकि जिला मुख्यालय से इसकी दूसरी 40 किमी है। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन को आते हैं।
क्या है मंदिर का महात्म्य
धर्म शास्त्रों के अनुसार इस जगह पर देवी सती के बाल गिरे थे। इस कारण इसका नाम कुंजापुरी पड़ा। यहां पर शारदीय नवरात्र में भव्य मेला लगता है। नवरात्र पर जौ की हरियाली बोई जाती है। बाद में हरियाली प्रसाद के रूप में दी जाती है। मान्यता है कि सच्चे मन से दर्शन करने से माता मनोकामनाएं पूरी करती है। यह मंदिर हर समय खुला रहता है।
यह है मान्यता
मान्यता और परंपरा के अनुसार यहां के पुजारी भंडारी जाति के लोग होते हैं यहां देवी के दर्शनों से अध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु वर्षभर यहां पर आते हैं।
- इस जगह से ऋषिकेश, स्वर्गाश्रम का विहंगम नजारा दिखाई देता है।
- शीतकाल में यहां से बर्फ से ढकी पहाड़ियां दिखाई देती है।
नवरात्र में लगता है भव्य मेला
- कुंजापुरी प्रसिद्ध सिद्धपीठों में शामिल है। यहां देश के विभिन्न स्थालों से श्रद्धालु आते हैं।
- शारदीय नवरात्र के दौरान यहां पर भव्य मेला लगता है।
कैसे पहुंचे सिद्धपीठ कुंजापुरी तक
अगर आप कुंजापुरी देवी मंदिर के दर्शन करने के लिए आना चाहते हैं तो आप निम्न साधन के जरिये यहां पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग : कुंजापुरी देवी मंदिर तक पहुंचने के लिए ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग से बस या कार से हिडोलाखाल आएं। इसके बाद छोटे वाहनों से मंदिर परिसर तक पहुंच सकते हैं। नई टिहरी जिला मुख्यालय से भी आगराखाल होते हुए यहां पहुंचा जा सकता है।
हवाई सुविधा : निकटतम हवाई अड्डा देहरादून में जौलीग्रांट हवाई अड्डा है। यहां से सड़क मार्ग से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग : ऋषिकेश स्थित योगनगरी रेलवे स्टेशन तक आप ट्रेन से पहुंच सकते हैं।