घरों की छत पर हो रही है शाखा, मोबाइल से जुड़ रहे स्वयंसेवक
दून की कालिंदी एन्क्लेव आवासीय कॉलोनी में शाम का नजारा एक नई अनुभूति कराता है। घड़ी में शाम के पौने सात बजते ही कॉलोनी आरएसएस की प्रार्थना से गुंजायमान हो उठती है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। देहरादून का कालिंदी एन्क्लेव। देहरादून की इस आवासीय कॉलोनी में इन दिनों शाम का नजारा एक नई अनुभूति कराता है। घड़ी में शाम के पौने सात बजते ही कॉलोनी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रार्थना नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे.. से गुंजायमान हो उठती है। फिर शारीरिक दूरी के नियम का पालन करते हुए सभी स्वयंसेवक अपने-अपने घरों की छत पर व्यायाम करते हैं और उनके साथ सुर से सुर मिलाते हैं अन्य लोग। चौंकिये नहीं, यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा ही है, लेकिन एकदम नए कलेवर में। लॉकडाउन के चलते संघ की शाखाएं न लग पाने के कारण यह तरीका निकाला गया है, जिसे लोग पसंद भी कर रहे हैं।
कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन की वजह से देशभर में संघ की शाखाएं भी नहीं लग पा रहीं। उत्तराखंड भी इससे अछूता नहीं है। न तो दैनिक शाखाएं लग पा रहीं और न साप्ताहिक मिलन (साप्ताहिक शाखा) व मंडली (माह में लगने वाली शाखा)। संघ के युवा स्वयंसेवक प्रदेशभर में जरूरतंदों को मदद पहुंचाने में जुटे हैं तो बड़ी आयु के स्वयंसेवक घरों में रहकर अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे। वरिष्ठ स्वयंसेवक घरों में रहकर ही संघ की प्रार्थना कर रहे तो कुछ स्वयंसेवकों ने इसमें प्रयोग भी किए हैं। ऐसा ही प्रयोग देहरादून की कालिंदी एन्क्लेव कॉलोनी में संघ के प्रांत सामाजिक समरसता संयोजक राजेंद्र पंत ने भी किया।
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उनकी पहल पर अब कॉलोनी में घरों की छत पर ही संघ की शाखा लगने लगी है। पंत बताते हैं कि वह कॉलोनी के नजदीक व्योमप्रस्थ कॉलोनी में लगने वाली शाखा में जाते थे, लॉकडाउन के कारण यह नहीं लग पा रही। उन्होंने कालिंदी एन्क्लेव में ही रहने वाले संघ के स्वयंसेवक डॉ. मुकेश गोयल के साथ चर्चा की। तय किया कि क्यों न हम अपने-अपने घर की छत पर आकर संघ की प्रार्थना व व्यायाम करें। बताया कि 31 मार्च से चार स्वयंसेवकों के साथ इस तरह की शाखा की शुरुआत की गई। वर्तमान में शाखा में शिरकत करने वाले स्वयंसेवकों की संख्या 15 हो गई है।
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