बिना मंजूरी खोद डाली सीवर लाइन, रेलवे ओवरब्रिज की सड़क धंसी; नोटिस जारी
सीवर की पाइप लाइन खोदने से अजबपुर रेलवे ओवरब्रिज की करीब 50 मीटर सड़क धंस गई। बिना अनुमति के यहां सीवर की पाइप लाइन खोदी गई।
देहरादून, जेएनएन। बिना अनुमति सीवर की पाइप लाइन खोदने से अजबपुर रेलवे ओवरब्रिज की करीब 50 मीटर सड़क धंस गई। राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के अधिकारियों के अनुसार अमृत योजना के तहत पेयजल निगम यह काम कर रहा था, जबकि उसे बरसात में खोदाई करने से मना कर दिया गया था। शुक्रवार की सुबह राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के अधिकारियों ने मौके पर पहुंच सुरक्षा बोर्ड लगाकर वाहनों को एक किनारे से निकालने के निर्देश दिए। वहीं, अनुमति बिना पाइप लाइन खोदने पर पेयजल निगम को नोटिस जारी किया गया है।
हरिद्वार बाइपास पर रेलवे ओवरब्रिज पर आइएसबीटी से रिस्पना पुल की तरफ नीचे उतरते हुए सड़क धंसी है। इसमें एक जगह तो काफी गहरा गडढ़ा हो गया। इस घटना पर शुक्रवार को दो महकमों राष्ट्रीय राजमार्ग खंड एवं पेयजल निगम के बीच विवाद हो गया। राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के अधिकारियों का आरोप है कि पेयजल निगम ने अनुमति के बिना निर्माण कार्य कराया। इससे रेलवे ओवरब्रिज की एप्रोच रोड (ओवरब्रिज पर चढ़ने और उतरने वाली सड़क) पर गड्ढ़े और दरार आ गईं। आरोप है कि पेयजल निगम ने इसके बावजूद सुरक्षा के कोई प्रबंध नहीं किए। जिससे हादसे की आशंका बनी हुई थी। सुबह राजमार्ग के अधिकारियों ने वहां पहुंचकर गडढ़े भरने का काम शुरू कराया। बिना अनुमति निर्माण कार्य कराने को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग खंड ने पेयजल निगम के विरुद्ध विधिक कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।
60 लाख रुपये का नोटिस दिया
राष्ट्रीय राजमार्ग खंड की ओर से पेयजल निगम को सड़क क्षतिग्रस्त करने की एवज में 60 लाख रुपये का नोटिस दिया गया है। अधिशासी अभियंता की ओर से जारी उक्त नोटिस में यह भी कहा गया है कि यदि इन गडढ़ों की वजह से कोई हादसा होता है तो उसकी जवाबदेही पेयजल निगम की होगी।
राष्ट्रीय राजमार्ग खंड लोनिवि के अधिशासी अभियंता ओपी सिंह ने बताया कि पेयजल निगम ने ओवरब्रिज के नीचे लाइन डालने के लिए अनुमति मांगी थी, लेकि बरसात के कारण और लेआउट नहीं देने के कारण अनुमति नहीं दी गई। इसके बावजूद पेयजल निगम ने निर्माण कार्य के दौरान खोदाई कर दी, जिससे ओवरब्रिज की एप्रोच रोड पर गड्ढ़े हो गए और दरार पड़ गई। पेयजल निगम को नोटिस भेजकर क्षतिपूर्ति के लिए 60 लाख की राशि जमा कराने को कहा गया है।
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पेयजल निगम के अधिशासी अभियंता सुमित आनंद ने बताया कि हरिद्वार बाइपास पर कईं माह से अमृत योजना के तहत सीवर लाइन का कार्य चल रहा है। खोदाई कर लाइन डालने के बाद अकसर सड़क पर दरार या गडढ़े हो जाते हैं, जिन्हें तीन-चार दिन बाद आरबीएम के जरिए दुरुस्त कर दिया जाता है। हमारे पास निर्माण कार्य की अनुमति है।
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