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परिवहन विभाग के हाल, 40 साल की नौकरी; मात्र एक पदोन्नति

वर्षों से प्रवर्तन सिपाही परिवहन विभाग से लेकर शासन तक को अपनी पीड़ा से अवगत करा रहे हैं। आश्वासन तो बहुत मिले, पर पदोन्नति के अवसर नहीं। इसके चलते प्रवर्तन कर्मियों में बेहद रोष है।

By Edited By: Published: Tue, 17 Jul 2018 03:01 AM (IST)Updated: Wed, 18 Jul 2018 05:25 PM (IST)
परिवहन विभाग के हाल, 40 साल की नौकरी; मात्र एक पदोन्नति

देहरादून, [विकास गुसाईं]: इसे विडंबना नहीं तो और क्या कहा जाएगा कि 35 से 40 की सेवा और पदोन्नति का एक अवसर लेकिन वह भी बेहद सीमित। वरिष्ठता में यदि थोड़ा भी पीछे रहे तो फिर जिस पद में नियुक्ति हुई है उसी पद से सेवानिवृत्त होना तय। यह स्थिति है परिवहन विभाग में सड़क सुरक्षा के सबसे अहम आधार समझे जाने वाले प्रवर्तन सिपाहियों की। 

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वर्षों से प्रवर्तन सिपाही विभाग से लेकर शासन तक को अपनी पीड़ा से अवगत करा रहे हैं। आश्वासन तो बहुत मिले लेकिन पदोन्नति के अवसर नहीं। इसके चलते प्रवर्तन कर्मियों में बेहद रोष है। परिवहन विभाग में प्रवर्तन सिपाही की भूमिका सबसे अहम है। नियम तोड़ कर भाग रहे वाहनों को रोकना, चेकिंग के दौरान नियम तोड़ने वालों वाहनों से दुर्घटना का भय और दिन भर सड़कों पर ही दौड़ना इनका रोज का काम है।

कई सिपाही पूरे सेवाकाल में अपने इस रूटीन से बाहर नहीं आ पाते। कारण विभाग में पदोन्नति के बहुत सीमित अवसर होना। परिवहन विभाग में प्रवर्तन सिपाही के 205 पद हैं। इसके सापेक्ष तकरीबन 150 सिपाही तैनात हैं। इनकी पदोन्नति का अगला और अंतिम पद सुपरवाइजर यानी हेड कांस्टेबल है। 

चूंकि विभाग में 21 प्रवर्तन दल हैं तो केवल 21 सिपाही ही सुपरवाइजर पद पर पदोन्नत हो सकते हैं। फिलहाल ये सभी पद भरे हुए हैं। इस कारण सेवानिवृत्ति की उम्र तक पहुंचने वाले शेष कर्मचारियों का सिपाही पद से ही सेवानिवृत्त होना तय है। पदोन्नति न होने के कारण उनको एसीपी का लाभ नहीं मिल पाता है और एक बेहद सीमित सेवानिवृति लाभ लेकर प्रवर्तन सिपाही अपने घर आ जाते हैं। 

इसे लेकर प्रवर्तन सिपाही कर्मचारी संगठन लंबे समय से ढांचे में परिवर्तन की मांग कर रहा है। इनकी मांग पर कुछ वर्षो पूर्व विभाग में पुनर्गठन समिति का गठन हुआ था। समिति ने ढांचे में सुपरवाइजर से ऊपर सब इंस्पेक्टर पद सृजित करने पर सहमति दी थी लेकिन यह लागू नहीं हो पाई है। इससे कर्मचारियों में खासा आक्रोश है। कर्मचारी संगठन के प्रदेश महामंत्री महेंद्र सिंह बोहरा और संगठन मंत्री प्रमोद कुमार का कहना है कि एक प्रवर्तन सिपाही के सामने पदोन्नति के अवसर न होने के कारण सेवानिवृत्ति की आयु तक आते-आते वह अवसाद में आ जाता है।

विभाग व शासन से लगातार ढांचे में परिवर्तन की मांग की जा रही है। सहायक परिवहन आयुक्त एसके सिंह का कहना है कि कर्मचारियों की मांग प्राप्त होने पर पुनर्गठन समिति का गठन किया गया। इसमें एक उच्च पद और बनाने पर सहमति बनी थी। अब हाईकोर्ट के निर्देशानुसार प्रवर्तन दलों की संख्या बढ़ाई जानी है तो इसमें प्रवर्तन कर्मियों के पदोन्नति के लिए नए पदों का सृजन किया जाएगा। इसके लिए नए सिरे से प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा।

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