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    उत्तराखंड: क्रिकेट के विवादों की जांच करेगी सचिव स्तरीय समिति, खेल मंत्री ने सदन में दिया आश्वासन

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Sat, 06 Mar 2021 09:30 AM (IST)

    किक्रेट में हाल ही में उठे विवादों की सचिव स्तरीय समिति जांच करेगी। खेल मंत्री अरविंद पांडेय ने विधानसभा में कांग्रेस विधायक करण माहरा द्वारा क्रिकेट ...और पढ़ें

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    उत्तराखंड: क्रिकेट के विवादों की जांच करेगी सचिव स्तरीय समिति।

    राज्य ब्यूरो, गैरसैंण। उत्तराखंड में किक्रेट में हाल ही में उठे विवादों की सचिव स्तरीय समिति जांच करेगी। खेल मंत्री अरविंद पांडेय ने विधानसभा में कांग्रेस विधायक करण माहरा द्वारा क्रिकेट में अनियमितताओं को लेकर उठाए गए मामले में सरकार का पक्ष रखते हुए यह बात कही। खेल मंत्री ने कहा कि भले ही क्रिकेट एसोसिएशन आफ उत्तराखंड को बीसीसीआइ से मान्यता मिली है और सरकार का इसमें कोई सीधा हस्तक्षेप नहीं है, मगर इसके बावजूद प्रदेश की खेल प्रतिभाओं के साथ अन्याय न हो, इसके लिए जांच के निर्देश दिए गए हैं।

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    शुक्रवार को सदन में उप नेता प्रतिपक्ष करण माहरा ने कार्य स्थगन प्रस्ताव लाते हुए कहा कि सीएयू द्वारा विभिन्न टीमों के चयन को लेकर लगातार धांधली की बात सामने आ रही है। नियुक्तियों को लेकर भी विवाद सामने आए हैं। हाल ही में उत्तराखंड की टीम के कोच का इस्तीफा देने का प्रकरण सामने आया है। स्थिति यह है कि कांग्रेस व भाजपा दोनों ही दलों के नेता इन्हें संरक्षण दे रहे हैं।

    हाल ही में अंडर-19 टीम के चयन में भी खासी अनियमितता देखने को मिली। इसमें पहले जिलेवार ट्रायल लेकर 82 खिलाड़ियों का चयन किया गया। कैंप लगते-लगते यह संख्या 102 तक पहुंच गई। इसके बाद इनका ट्रायल लिया गया। मेडिकल और फिटनेस के लिए 60 खिलाड़ी बुलाए गए। बाद में चयन ऐसे खिलाड़ियों का हुआ जो न तो कैंप में थे न ही इनका मेडिकल व फिटनेस हुई। 

    अंडर-23 टीम में सबसे अधिक विकेट लेने वाली निशा मिश्रा का पहले कैंप में भी चयन नहीं किया गया। दबाव में चयन किया तो बाद में टीम में नहीं चुना। साफ है कि प्रतिभाओं के साथ अन्याय किया जा रहा है। सीएयू के सचिव स्वयं मानकों का उल्लंघन कर लगातार तीसरी बार इस पद पर काबिज हैं। सरकार का पक्ष रखते हुए खेल मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि राज्य गठन 19 साल बाद कड़े संघर्षों से बीसीसीआइ से मान्यता मिली है। प्रदेश की खेल प्रतिभाओं के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इन सभी मामलों की जांच सचिव स्तरीय समिति बनाकर की जाएगी।

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