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    रुड़की से लागू होगा राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी, मिलेगा सस्‍ता खाद्यान्‍न

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    Updated: Fri, 06 Sep 2019 08:12 AM (IST)

    उत्तराखंड में राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी योजना बतौर पायलट प्रोजेक्ट रुड़की नगर निगम क्षेत्र में लागू होगी। इससे राशनकार्डधारक किसी भी सस्ता गल्ला दुकान से सस्ता खाद्यान्न ले सकेंगे।

    रुड़की से लागू होगा राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी, मिलेगा सस्‍ता खाद्यान्‍न

    देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी योजना बतौर पायलट प्रोजेक्ट रुड़की नगर निगम क्षेत्र में लागू होगी। योजना शुरू होने पर रुड़की के करीब दो लाख राशनकार्डधारक किसी भी सस्ता गल्ला दुकान से सस्ता खाद्यान्न ले सकेंगे। वहीं केंद्र सरकार ने एक माह के भीतर सभी राशन की दुकानों का कंप्यूटरीकरण करने के निर्देश दिए हैं।

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    केंद्र सरकार हर राज्य को राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी योजना पर काम करने के निर्देश दे चुकी है। इस योजना को रुड़की में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया जाएगा। प्रोजेक्ट कामयाब रहा तो इसे चरणबद्ध तरीके से पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। प्रभारी खाद्य सचिव सुशील कुमार ने बताया कि रुड़की में पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने के संबंध में आदेश जारी किए गए हैं। इस योजना के लिए सॉफ्टवेयर एनआइसी तैयार करेगा। चयनित रुड़की क्षेत्र के राशनकार्ड विक्रेताओं, खाद्य महकमे के गोदामों के साथ ही राशन विक्रेताओं का पूरा डाटा कंप्यूटरीकृत होगा। खाद्य विभाग यह डाटा एनआइसी को मुहैया कराएगा।

    केंद्र सरकार ने वन नेशन वन राशनकार्ड योजना के तहत स्मार्ट राशनकार्ड को आधार से लिंक करने और बायोमीट्रिक से राशन वितरण का कार्य एक माह में पूरा करने के निर्देश दिए हैं। प्रभारी सचिव ने बताया कि अभी 45 फीसद राशनकार्डों का आधार सत्यापन हुआ है। राशन की दुकानों के कंप्यूटरीकरण की प्रक्रिया चल रही है। प्रदेश में 9198 राशन की दुकानें हैं। इनमें से 7252 दुकानों को लैपटॉप, बायोमीट्रिक मशीन समेत जरूरी उपकरण मुहैया कराए गए हैं। राशन विक्रेताओं के साथ कॉमन सर्विस सेंटर के लिए एमओयू किया जा रहा है। अभी तक करीब साढ़े तीन लाख उपभोक्ताओं को बायोमीट्रिक प्रणाली से राशन वितरण किया जा रहा है। 

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    केंद्र सरकार की हिदायत को देखते हुए यह कार्य तेजी से पूरा किया जाएगा। स्मार्ट राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया चल रही है। ये कार्ड बनने के बाद प्रदेश के 23 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं को सरकारी सस्ता खाद्यान्न बायोमीट्रिक प्रणाली के जरिये ही मिलेगा। राशन की दुकानों का कंप्यूटरीकरण होने के साथ ही उन्हें कॉमन सर्विस सेंटर के तौर पर भी विकसित करने के काम में तेजी लाई जाएगी।

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