चमोली में ऋषिगंगा की झील पर पल-पल रहेगी एसडीआरएफ की नजर, पढ़िए पूरी खबर
चमोली जिले में हैंगिंग ग्लेशियर दरकने से ऋषिगंगा और धौलीगंगा में आए उफान के बाद ऋषिगंगा नदी पर मलबे से बनी झील पर एसडीआरएफ की पल-पल नजर रहेगी। इसके लिए वहां उसकी टीम तैनात नहीं होगी बल्कि ऐसा सिस्टम स्थापित किया जा रहा है।
केदार दत्त, देहरादून। चमोली जिले में हैंगिंग ग्लेशियर दरकने से ऋषिगंगा और धौलीगंगा में आए उफान के बाद ऋषिगंगा नदी पर मलबे से बनी झील पर एसडीआरएफ की पल-पल नजर रहेगी। इसके लिए वहां उसकी टीम तैनात नहीं होगी, बल्कि ऐसा सिस्टम स्थापित किया जा रहा है, जिससे झील की हर हलचल की लाइव रिपोर्ट उसे मिलती रहेगी। इस कड़ी में राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) ने झील के पास क्विक डिप्लायवल एंटीना (क्यूडीए) स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसे रविवार को एयर फोर्स के माध्यम से ड्राप करने की तैयारी है।
ऋषिगंगा पर बनी करीब 300 मीटर लंबी और आठ से नौ मीटर गहरी झील से निरंतर रिसाव हो रहा है। ऐसे में फिलहाल उससे खतरे की संभावना नहीं के बराबर है, मगर भविष्य में यह मुहाना बंद हो गया तो दिक्कत बढ़ सकती है। इसे देखते हुए एसडीआरएफ वहां ऐसा सिस्टम स्थापित करने जा रहा है, जिससे खतरे की आहट का पहले ही पता चल जाएगा।
एसडीआरएफ की डीआइजी एवं राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिद्धिम अग्रवाल के मुताबिक झील के पास क्यूडीए सिस्टम लगाने का निर्णय लिया गया है। यह सिस्टम उन स्थानों के लिए मुफीद होता है, जहां कोई नेटवर्क नहीं है। यह अपना नेटवर्क तैयार करता है और फिर लिंक के जरिये संबंधित क्षेत्र की लाइव वीडियो भेजता है। झील के पास इसके स्थापित होने से वहां की लाइव वीडियो एसडीआरएफ को लगातार मिलती रहेगी।
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उन्होंने बताया कि यह सिस्टम करीब डेढ़ से दो कुंतल वजनी होता है। इसे शनिवार को एयरफोर्स के माध्यम से झील के पास ड्राप किया जाना था, मगर अब रविवार को इसे ड्राप किया जाएगा। उन्होंने बताया कि क्यूडीए सिस्टम स्थापित होने के बाद इससे मिलने वाली वीडियो से झील को लगातार मानीटर किया जा सकेगा। वहां किसी भी प्रकार की हलचल का वीडियो मिलने से तुरंत अलर्ट जारी करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि तपोवन में टनल के नजदीक भी क्यूडीए सिस्टम स्थापित किया गया है।
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