Monsoon 2025: मानसून में आपदा को देखते हुए SDRF तैनात, आधुनिक उपकरणों से लैस होंगी 41 टीमें
मानसून में आपदा की घटनाओं को देखते हुए एसडीआरएफ ने संवेदनशील स्थानों पर 41 टीमें तैनात की हैं। टीमों को आधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है ताकि तत्काल रेस्क्यू किया जा सके। संवेदनशील जगहों पर डॉग स्क्वायड और प्रशिक्षित हैंडलर्स भी तैनात किए गए हैं। टीमों को वायरलेस और सैटेलाइट फोन दिए गए हैं ताकि सूचना का आदान-प्रदान हो सके। एसडीआरएफ ने आपदा राहत पैकेट भी वितरित किए हैं।

जागरण संवाददाता, देहरादून। मानसून सीजन में आपदा की घटनाओं को देखते हुए संवेदनशील स्थानों पर एसडीआरएफ की 41 टीमें तैनात की हैं। सभी टीमों को आधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है, ताकि कोई भी घटना होने पर तत्काल रेस्क्यू अभियान शुरू किया जा सके। इसके अलावा संवेनदनशील जगहों पर आठ डाग स्क्वाइड और 16 प्रशिक्षित हैंडलर्स की टीमें भी नियुक्त की गई हैं, ताकि मलबा आने पर तत्काल खोजबीन शुरू की जा सके।
प्रदेश में हर वर्ष मानसून के दौरान आपदा की घटनाएं सामने आती हैं। एसडीआरएफ ने मानसून को ध्यान में रखते हुए व्यापक स्तर पर तैयारियां पूर्ण कर ली हैं। एसडीआरएफ ने पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में संभावित आपदाओं जैसे बाढ़, भूस्खलन, जलभराव तथा अन्य प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए पूरी तरह तैयारियां कर ली हैं। प्रदेा के संवेदनशील क्षेत्रों में एसडीआरएफ की 41 प्रशिक्षित टीमें तैनात की गई हैं।
ये टीमें अत्याधुनिक बचाव उपकरणों, मोटरबोट्स, लाइफ जैकेट्स, डीप डाइविंग किट्स, सर्च लाइट्स, मेडिकल किट्स एवं संचार साधनों से लैस हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तत्काल रेस्क्यू शुरू किया जा सके।
8 टीमें डॉग और 16 प्रशिक्षित हैंडलर्स भी संवेदनशील स्थानों पर की गई हैं तैनात
मौसम विभाग की भविष्यवाणी, भू-स्थानिक विश्लेषण और पिछले वर्षों के अनुभवों के आधार पर राज्यभर के आपदा संभावित क्षेत्रों की पहचान कर ली गई है। इन स्थानों पर एसआरएफ की टीमें अग्रिम रूप से तैनात कर दी गई हैं ताकि आपदा की स्थिति में बिना विलंब राहत व बचाव कार्य प्रारंभ किया जा सके। सभी संवेदनशील क्षेत्रों में मोटरबोट्स, स्ट्रेचर, कटर, रेस्क्यू रस्सियां, संचार यंत्र और अन्य अत्याधुनिक उपकरण वितरित किए गए हैं। इससे टीमों की फील्ड क्षमता और तत्काल रेस्क्यू करने में तेजी आएगी।
टीमों में शामिल जवानों को दिया गया है प्रशिक्षण
एसडीआरएफ के पुलिस महानिरीक्षक अरुण मोहन जोशी के निर्देश पर पोस्टों पर तैनात जवानों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया है, ताकि वह मानसिक एवं शारीरिक रूप से आपदा ड्यूटी के लिए पूरी तरह से तैयार रहें। उन्हें नवीनतम आपदा प्रबंधन तकनीकों पर आधारित प्रशिक्षण और व्यावहारिक अभ्यास भी प्रदान किए गए हैं।
जवानों को दिए गए हैं वायरलेस व सेटेलाइट फोन
आपदा की स्थिति में सूचना तंत्र को सक्रिय बनाए रखने के लिए एसडीआरएफ की सभी फील्ड टीमों को वायरलेस सेट, आई फ्रेंकवेंसी सिस्टम, मोबाइल रेडियो और सैटेलाइट फोन मुहैया कराए गए हैं, जिससे मुख्यालय से लेकर दूरस्थ क्षेत्रों तक सूचना का तत्काल आदान-प्रदान किया जा सके। दूरस्थ और संवेदनशील क्षेत्रों में एसडीआरएफ की ओर से आपदा राहत पैकेट (सूखा राशन, पीने का पानी, प्राथमिक उपचार सामग्री, टार्च, चादरें आदि) पूर्व रूप से दिए गए हैं। यह सामग्री संबंधित एसडीआरएफ पोस्टों को सौंप दी गई है, ताकि आपात स्थिति में तुरंत राहत पहुंचाई जा सके।
मानसून सीजन को देखते हुए एसडीआरएफ वाहिनी का निरीक्षण किया गया। राज्य भर में आपदा एवं राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए संवेदनशील स्थलों पर एसडीआरएफ की टीमें तैनात करने के निर्देश जारी किए गए। एसडीआरएफ की 41 टीमें संवेदनशील स्थलों पर लगाई गई हैं, ताकि किसी भी घटना में तत्काल रेस्क्यू किया जा सके। इसके अलावा कुछ जगहों पर डाग स्क्वाइड की टीमें भी तैनात की गई हैं। - अरुण मोहन जोशी, पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ
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