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    एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए फर्जी तरीके से ली छात्रवृत्ति, जानिए पूरा मामला

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Sun, 13 Jan 2019 02:36 PM (IST)

    डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए धोखाधड़ी कर छात्रवृत्ति लेने के मामले में पासआउट छात्र और उसके पिता के साथ ही चार कार्मिकों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज क ...और पढ़ें

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    एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए फर्जी तरीके से ली छात्रवृत्ति, जानिए पूरा मामला

    देहरादून, जेएनएन। फर्जी आय प्रमाण पत्र के आधार पर डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए वजीफा लेने के मामले में पासआउट छात्र और उसके पिता के साथ ही समाज कल्याण विभाग और राजस्व विभाग के चार कार्मिकों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। एसआइटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर डोईवाला कोतवाली पुलिस ने यह मुकदमा दर्ज किया। लालतप्पड़ चौकी प्रभारी बीसी पुजारा को जांच सौंपी गई है। 

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    ग्राम देवलचौड़ खाम, पोस्ट मांगपुर पश्चिम हल्द्वानी जिला नैनीताल निवासी अधिवक्ता चंद्रशेखर करगेती की शिकायत पर एसआइटी ने फर्जी आय प्रमाण पत्र का प्रयोग कर छात्रवृत्ति प्राप्त करने के मामले की जांच की थी। शिकायत के मुताबिक मयंक नौटियाल ने वर्ष 2012-13 में हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस जौलीग्रांट देहरादून में एमबीबीएस में दाखिला लिया। इस पाठ्यक्रयम की पढ़ाई के दौरान उसने शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में समाज कल्याण विभाग से छात्रवृति ली। आरोप है कि उसने फर्जी आयकर प्रमाण पत्र के जरिये छात्रवृत्ति हासिल की। राजस्व विभाग और समाज कल्याण विभाग के तत्कालीन अधिकारियों की मिलीभगत ने उसने ऐसा किया। 

    एसआइटी की जांच में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद शनिवार को पुलिस मुख्यालय के आदेश पर डोईवाला कोतवाली पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज किया है। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक पंकज गुसाईं ने बताया कि मुकदमे में मयंक नौटियाल, उसके पिता मुन्नालाल नौटियाल निवासी ग्राम घिरोही पोस्ट लकस्यार तहसील कालसी जिला देहरादून हाल निवासी दिनकर बिहार बाबूगढ़ विकासनगर, देहरादून के साथ ही तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी, तत्कालीन तहसीलदार, तत्कालीन हलका लेखपाल और समाज कल्याण विभाग के आइटी सेल के तत्कालीन नोडल अधिकारी को नामजद किया गया है। इन पर धोखाधड़ी, फर्जी कागजात तैयार करने, फर्जी कागज असली के रूप में पेश कर फायदा लेने व षडयंत्र रचने के आरोप हैं। 

    छात्रवृत्ति घोटाले पर समाज कल्याण विभाग को नोटिस

    करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले में समाज कल्याण विभाग की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। एसआइटी को घोटाले से जुड़े दस्तावेज न देने पर समाज कल्याण निदेशक और दून और हरिद्वार के जिला समाज कल्याण अधिकारी को एसआइटी ने नोटिस जारी कर दिए हैं। एक सप्ताह के भीतर दस्तावेज उपलब्ध न कराए गए तो संबंधित के खिलाफ भी एसआइटी कार्रवाई कर सकती है। 

    समाज कल्याण विभाग में दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना में घोटाले की जांच एसआइटी ने तेज कर दी है। चमोली जनपद से आइपीएस मंजूनाथ की वापसी के बाद जांच टीम ने शनिवार को हरिद्वार में बैठक कर जरूरी बिंदुओं पर चर्चा की। बताया गया कि अब तक मिली शिकायत के अनुसार जांच में तेजी लाई जाएगी। सूत्रों का कहना है कि अभी तक दून और हरिद्वार के मेडिकल, इंजीनियरिंग, पॉलीटेक्निक और आइटीआइ कॉलेज को 2011 से 2016 तक आवंटित छात्रवृत्ति, पंजीकृत छात्र और कुल बजट की जानकारी समाज कल्याण विभाग ने नहीं दी है।

    ऐसे में एसआइटी ने अब विभाग को कानूनी प्रक्रिया के तहत नोटिस जारी कर दिए हैं। अब विभाग ने नोटिस के बाद यदि मांगी गई जानकारी और जांच में सहयोग न दिया तो एसआइटी समाज कल्याण के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर सकती है। इसके लिए समाज कल्याण विभाग को एक सप्ताह का समय दिया गया है। 

    ..जल्द दो और मुकदमे होंगे  

    छात्रवृत्ति घोटाले में जल्द एसआइटी हरिद्वार और दून में दो और मुकदमे दर्ज कर सकती है। इसके लिए एसआइटी की टीम जांच रिपोर्ट तैयार कर रही है। अभी तक एक मुकदमा हरिद्वार के सिडकुल और दूसरा मुकदमा दून के डोईवाला में दर्ज हुआ है। करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले में अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए जाएंगे। 

    जल्द हो सकती आरोपितों की गिरफ्तारी 

    छात्रवृत्ति घोटाले में एसआइटी को एक माह के भीतर हाईकोर्ट में जांच रिपोर्ट देनी है। ऐसे में अभी तक सामने आए घपले में पुख्ता सबूत जुटाने के बाद एसआइटी आरोपितों की गिरफ्तारी कर सकती है। 

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